जगह और अंग | खास लक्षण |
जीभ और मुँह | ठीक न होने वाला अलसर या धब्बा या रसौली बाद में जबड़े के नीचे या गर्दन की लसिका ग्रंथियों का सख्त हो जाना गला |
स्वर यंत्र | आवाज़ का फट जाना, गर्दन में लसिका ग्रंथियों का सख्त हो जाना, खास तरह के शीशे से जांच करना ज़रूरी |
श्वसनी | खाना निगलने में मुश्किल होना, गले में वृद्धि होना और गर्दन में लसिका ग्रंथियों का सख्त हो जाना |
फेफड़े | चिरकारी खॉंसी व बलगम में खून आना। छाती की एक्स रे फिल्म में व्याधि विकास दिख जाता है |
ग्रासनली | खाना निगलने में मुश्किल होना और ऐसा लगना कि खाना छाती में अटक गया है |
अमाशय | भूख न लगना, घंटों घंटों तक पेट भरा भरा सा लगता रहना, कभी कभी उल्टी आना, पेट के ऊपरी हिस्से में गांठ या रसौली महसूस हो सकती है, उल्टी में खून आ सकता है |
आंतें और मलाशय | मल में खून आना, मलत्याग की आदतों में बदलाव होना |
स्तन | स्तन में सख्त सी गांठ होना, त्वचा में ठीक न होने वाला अल्सर या वृद्धि, बगलों में लसिका ग्रंथियों में सूजन |
गर्भाशय | रक्तस्त्राव जो कि माहवारी से या गर्भावस्था से जुड़ा हुआ न हो, गर्भाशय ग्रीवा पर कोई असामान्य वृद्धि महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में कोई वृद्धि महसूस होना |
खून | रक्तस्त्राव की प्रवृति, लिवर या तिल्ली का बढ़ जाना, बार बार संक्रमण होना |
डिंबवाही ग्रंथियॉं | पेट के निचले हिस्से में गांठ होना |
वृषण | वृषण या वृषण कोश में सूजन |
शिश्न | शिश्न की त्वचा पर मस्से जैसी या अनियमित वृद्धि और बीच बीच में खून निकलना |
मूत्राशय | बीच बीच में पेशाबद्वारा खून निकलना |
पुरस्थ ग्रंथी | पेशाब करने में परेशानी, थोड़ी थोड़ी पेशाब निकलते रहना, पेशाब में पीप, पुरस्थ और मलाशय में सख्त वृद्धि होना |
लिवर/ जिगर | बढ़ा हुआ लिवर, पीलिया या सफेद मल |
हड्डियॉं | हड्डियों से जुड़ी हुई सख्त वृद्धि, जल्दी जल्दी बढ़ती जाती है पर दर्द रहित होती है |
लसिका ग्रंथियॉं | कई जगहों में लसिका ग्रंथियों में सूजन, रबर जैसी हो जाना, बुखार और वजन घटना |