pregnancy childbirth गर्भ-प्रसव गर्भपात
अन्य गंभीर समस्या
उल्टा प्रसव
risky pregnancy
श्रोणी में भ्रूण का सिर घुस न पाना प्रसव में मुश्किल पैदा करता है

सामान्यत – गर्भाशय में बच्चे का सिर नीचे की ओर होता है। यह खासकर गर्भावस्था के आखिरी कुछ हफ्तों में महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि किसी भी समय बच्चा हो सकता है। अगर बच्चे का सिर नीचे की तरफ न हो तो प्रसव के समय खतरा हो सकता है (उलटा शिशु)। ऐसे में जन्म लेते समय बच्चे के पैर पहले बाहर आते हैं। इसे उलटा प्रसव कहते हैं। उलटा प्रसव आराम से भी हो सकता है या इसमें समस्याएँ भी आ सकती हैं। ऐसे प्रसव अस्पताल में ही किए जाने चाहिए।

आड़ा शिशु

अगर गर्भावस्था के आखिरी हफ्ते में पेट में शिशु का सिर किसी भी एक तरफ हो तो इसके लिए आपरेशन करने की ज़रूरत होती है।

सिर श्रोणी में न होना
risky pregnancy
श्रोणी में भ्रूण का सिर घुस न पाना प्रसव में मुश्किल पैदा करता है

प्रथम प्रसव में बच्चे का सिर प्रसव के दो हफ्ते पहले श्रोणी में (पेडू) चला जाता है। बाद के प्रसवों में ऐसा प्रसव के ठीक पहले ही होता है। पहली बार माँ बन रही महिला में दो हफ्ते पहले बच्चे के सिर का श्रोणी में न पहुँचना खतरे की घण्टी है। इसका कारण सिर और श्रोणी के रास्ते के आकार में मेल न होना या आँवल से राह में रुकावट हो सकता है।

पेट बहुत बड़ा होना
pregnancy large tummy
पेट बहुत बड़ा होना

अगर गर्भावस्था के महीनों की तुलना में पेट का आकार बहुत बड़ा दिखाई दे तो ये या तो एक ये ज्यादा बच्चे (जुड़वाँ) होने की निशानी है या फिर गर्भाशय में बहुत अधिक पानी होने की। इन दोनों ही स्थितियों में बच्चे के जन्म में मुश्किलें आती है। दूसरी स्थिति में ज्यादा खून भी बह सकता है।

माँ का बौना होना
short height
महिला का कद कम हो तो प्रसव में कठिनाई हो सकती है

अगर माँ का कद १४५ सेन्टीमीटर से कम हो तो श्रोणी भी बहुत छोटी होगी। इससे भी बच्चे के जन्म में रुकावट आ सकती है। सामान्यत: छोटी माँ का बच्चा भी उसी हिसाब से छोटे आकार का होता है। परन्तु फिर भी यह श्रोणी के रास्ते के हिसाब से बड़ा होता है। ऐसे बच्चे के जन्म में ऑपरेशन की ज़रूरत हो सकती है।

ज्यादा उम्र में पहली बार माँ बनना

पहली बार माँ बन रही महिला की उम्र अगर तीस से ज्यादा हो तो उसमें भी बच्चे का जन्म मुश्किल हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में ऐसे मामले बहुत ही कम होते हैं। ऐसी माँ से प्रसव मार्ग संकुचित हो सकता है। और इसलिए बच्चे के जन्म में मुश्किल हो सकती है। परन्तु माँ की उम्र के कारण ही यह बच्चा कुछ जादाही महत्वपूर्ण हो जाता है।

कम उम्र की माँ

अगर माँ उम्र में बहुत छोटी (१६ साल से कम की) हो तो इसमें माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। बहुत सारी सामाजिक जटिलाताओं के कारण कम उम्र में शादी न करने के कानून गाँव में बेअसर हैं। परन्तु कम उम्र में शादियों के इस प्रचलन पर रोक ज़रूर लगनी चाहिए। केरल और तमिलनाडु में इस प्रचलन को रोक पाने में बहुत हद तक सफलता हासिल की है।

पहले कोई जटिल प्रसव हुआ हो
risky pregnancy
जटिल प्रसव

अगर पिछले किसी प्रसव में कोई जटिलता आई हो (जैसे बच्चा आपरेशन से हुआ हो, फोरसेप डिलिवरी – जब प्रसव करवाने के लिए चिमटी की मदद ली जाती है – दौरे, रक्तस्राव आदि) तो भी थोड़ा-सा खतरा होता है। ऐसा इसलिए कि अगले प्रसव में भी ऐसा होने की सम्भावना होती है।

गर्भाशय भ्रंश

भ्रंश गर्भाशय से भी बच्चे के जन्म में मुश्किल आ सकती है। ऐसी माँ को खास देखभाल और कभी-कभी आपरेशन की ज़रूरत होती है।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

message-icon shyamashtekar@yahoo.com     ashtekar.shyam@gmail.com     bharatswasthya@gmail.com

© 2009 Bharat Swasthya | All Rights Reserved.