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आशा के आठ कार्य

अपने कार्यक्षेत्र के समुदाय को स्वास्थ्य सेवा संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी देने, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, उपलब्ध सेवाओं के उपभोग के लिए परामर्श देने, व्यवस्था करने तथा सहायता देने के साथ-साथ जटिल केस को सन्दर्भित करने, उनको स्वास्थ्य सेवा केन्द्र पहुँचाने में मदद करने, ग्राम स्वास्थ्य योजना बनाने में सहायता करने तथा लोगों को सफाई और स्वच्छता के महत्त्व को बताते हुए स्वच्छ पेयजल तथा शौचालय आदि बनवाने में बदद करने जैसे कार्य ‘आशा’ के सामान्य कार्यों में आते है, जिन्हे मुख्यतया ८ प्रकार के कार्यों के रूप में वर्णित किया गया है।

ग्राम स्वास्थ्य योजना तैयार करने में भागीदारी

ग्राम स्वास्थ्य योजना ग्राम स्तर पर किये जाने वाले सभी स्वास्थ्य कार्यों की आधारशिला होती है। इस योजना में स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानकर उसके समाधान के लिए कार्ययोजना तैयार की जाती है। इस योजना को तैयार करने में ‘आशा’ नर्स दीदी, आंगनबाडी बहन और पंचायत सदस्यों की मदद करते हुए हिस्सेदारी करती है। योजना तैयार करने में ‘आशा’ एन.जी.ओ. कार्यकर्ता, स्कूल टीचर एवं स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों से भी मदद लेती है। ‘आशा’ यह सुनिश्चित करती है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यांक और महिला जैसी असेवित जनसंख्या को योजना प्रक्रिया में शामिल किया जाए।

स्वास्थ्य संबंधी आदतों में सुधार के लिए विचार विमर्श

ग्रामीण लोगों, खासकर महिलाओं, पुरुषों एवं किशोरों में स्वास्थ्य सूचना का अभाव पाया जाता है। स्वास्थ्य संबंधी सूचना और संपर्क, दवा की गोलियों और सुइयों की तरह की कारगर होता है, अर्थात उचित ज्ञान और सलाह लोगों को बीमारियों से मुक्त करताहै। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य आदतों में सुधार लाने हेतु वांछित सलाह और ज्ञान देना ‘आशा’ के कार्यों का एक मुख्य अंग है। इसके तहत ‘आशा’ को ‘व्यवहार परिवर्तन हेतु संवाद’ (बी.सी.सी.) के तरीकों जैसे समूह चर्चा, व्यक्तिगत चर्चा, ग्राम बैठक, क्लीनिक सम्पर्क, प्रदर्शनी, शिविर, स्वयंसेवी संघटनों की बैठक, धार्मिक सभा, किशोरों की बैठक में शामिल होकर चित्रकथा, चार्ट, पुस्तिका, पोस्टर, प्रभातफेरी, संगीत, कठपुतली नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से ज्ञानवर्धन का कार्य करना है। आशा कार्यकर्ती गॉंव में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार सभी कर्मियों से समन्वय स्थापित करेगी। उनके साथ सभी कार्यक्रम में सहयोग करेगी व जन संपर्क में भाग लेगी।

स्वास्थ्य कर्मियों से संपर्क व सहयोग आँगनबाडी कार्यकर्ती के साथ तालमेल

आशा एवं आँगनबाडी कार्यकर्ती माह में एक/दो बार स्वास्थ्य दिवस आयोजित करेंगी, जिसमें स्वच्छता, पोषण, गर्भावस्था के दौरान देखभाल, टीकाकरण, सुरक्षित प्रसव आदि के बारे में बताया जाएगा। आँगनबाडी, ‘आशा’ को विभिन्न दवा/किटें प्रदान करेगी। ‘आशा’ गॉंव में पात्र दम्पति तथा १ वर्ष से कम आयु के बच्चों की अद्यतन सूची तैयार करने मेंआँगनबाडी बहन की मदद करेगी तथा पोषण आहार दिवस के दिन लाभार्थियों को आँगनबाडी केंद्र पर लाने में सहयोग करेगी।

ए.एन.एम.के साथ तालमेल

ए.एन.एम. ‘आशा’ के पर्यवेक्षक व प्रशिक्षक के रूप में कार्य करती है। उसके लिए ए.एन.एम. निम्नलिखित कार्य करेगी

  • ए.एन.एम. ‘आशा’ के साथ साप्ताहिक/पाक्षिक बैठक करेगी, जिसमें उसकी विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा करेगी और यदि कोई समस्या आ रही होगी तो उसका समाधान/मार्गदर्शन करेगी।
  • वह आशा को समुदाय में की जाने वाली बैठक की तिथि व समय की जानकारी देगी तथा बैठक में लाभार्थियों को लाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
  • वह आँगनबाडी केंद्रों पर स्वास्थ्य दिवसों के आयोजन के लिए ‘आशा’ को मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
  • वह उपकेंद्र पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लाने के लिए आशा का सहयोग सुनिश्चित करेगी।
  • ‘आशा’ परिवार नियोजन हेतु विवाहित महिलाओं को उपकेंद्रों पर आने के लिए प्रेरित करेगी तथा गर्भ निरोधक गोलियों को लेने के तरीके तथा उसके कुप्रभाव के संबंध में बताएगी।
  • ‘आशा’ गर्भवती महिलाओं को विभिन्न सेवाओं जैसे टिटनेस टीकाकरण, आयरन की गोलियॉं, पोषण आदि के संबंध में जानकारी देगी।
  • ‘आशा’ जटिलता वाली गर्भवती महिलाओं व बच्चों की पहचान कर उन्हे सही स्थान पर पहुँचाएगी/संदर्भित करेगी।
  • ए.एन.एम. यह सुनिश्चित करेगी कि ‘आशा’ को प्रशिक्षण के दौरान प्रतिपूर्ति राशि/अन्य भत्ता आदि प्रशिक्षण स्थल पर ही मिल जाए।

परामर्श देना

अपने कार्यक्षेत्र में समुदाय को निम्नलिखित बिंदुओं पर जनस्वास्थ्य क्रियाकलापों की जानकारी तथा परामर्श देना ‘आशा’ के उत्तरदायित्वों का भाग है, जिससे समुदाय के स्वास्थ्य मानकों का विकास हो सके।

  • स्वच्छता एवं सफाई के संबंध में गुणात्मक जानकारी देना।
  • पोषण एवं संतुलित आहार के संबंध में परामर्श देना।
  • गर्भावस्था के दौरान पुरी देखभाल, प्रसव की तैयारी, सुरक्षित प्रसव का महत्त्व, स्तनपान, टीकाकरण, सम्पूरक आहार, सीमित एवं सुखी परिवार की अवधारणा, बॉंझपन, गर्भपात, स्वास्थ्य प्रतिरक्षा, गर्भनिरोधक उपाय आदि के संबंध में महिलाओं/पुरुषों को प्रेरित करना तथा परामर्श देना।
  • महिलाओं को प्रजनन तंत्र संक्रमण की जानकारी, बचाव एवं उपचार की सलाह देना।
  • पूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत घरों में शौचालय निर्माण को प्रोत्साहन देना तथा इस हेतु पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित करना।
  • अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे-आयोडीन की कमी, मलेरिया नियंत्रण तथा संचारी रोग आदि से संबंधित कार्य करना एवं समुदाय को परामर्श प्रदान करना।

मरीज को अस्पताल तक पहुँचाने में मदद करना
  • गॉंव में किसी भी पुरुष/महिला/बच्चे को शारीरिक रूप से अधिक रुगण होने की स्थिति में चिकित्सालय पहुँचाना।
  • किसी भी गर्भवती महिला/नवजात शिशु को जटिलता की स्थिती में प्रथम संदर्भन इकाई ले जाना।
  • परिवार नियोजन कार्यक्रम में महिला एवं पुरुष नसबंदी कराने के लिए सेवास्थल तक पहुँचाना।
  • संस्थागत प्रसव कराने हेतु गर्भवती को सेवास्थल पर ले जाना।
  • अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत अपने क्षेत्र में मोतियाबिंद अथवा अंधेपन से ग्रसित व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें आपरेशन के लिए चिकित्सालय/कँप जाने में मदद करना।
  • जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गरीबी देखा के नीचे निवास करने वाली निर्धन वर्ग की गर्भवती महिलाओं को प्रावधानित धनराशि उपलब्ध कराने में मदद करना।

प्राथमिक चिकित्सकीय देखभाल करना

उचित और कारगार प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना ‘आशा’ के कार्य और दायित्वों का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। प्राथमिक चिकित्सकीय देखभाल के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य सम्मिलित है।

  • साधारण अस्वस्थता में दवा-किट के माध्यम से साधारण उपचार करना।
  • बीमारियों के खतरनाक होने से पूर्व ही संदर्भन करना।
  • संक्रामक/संचारी रोगों के रोगी की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य तंत्र को सूचित करना।
  • टी.बी., कुष्ठ रोग जैसी असाध्य बीमारियों की आरंभिक पहचान करना तथा जल्द से जल्द इलाज शुरु करवाना।
  • दुर्घटना की स्थिति में प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भेजना।

डिपो होल्डर (गॉंव में सामान्य स्वास्थ्य सामग्री)

‘आशा’ को दवा-किट के माध्यम से विभिन्न दवाइयॉं व सामग्री दी जाती है। इसमें विभिन्न प्रकार की तकलीफों के लिए दी जानेवाली जवाएँ जैसे ओ.आर.एस. घोल, आयरन एवं फोलिक एसिड गोलियॉं, पैरासिटामाल गोली, कंडोम आदि शामिल है। ‘आशा’ इन दवाओं से इलाज कर सकती है। उसे इसका प्रशिक्षण दिया गया है। दवाएँ समाप्त होने पर वह आँगनबाडी के माध्यम से और दवाएँ प्राप्त कर सकती है।

रिकार्ड रखना और पंजीकरण करना
  • १४ दिनों के अंदर ग्राम पंचायत में हर जीवित जन्म का पंजीकरण कराना।
  • ७ दिनों के भीतर गॉंव में घटित प्रत्येक मृत्यू तथा मृत जन्म का पंजीकरण कराना।
  • अपने काम के ब्योरे को रजिस्टर/डायरी में दर्ज करना।
  • अपने द्वारा दर्ज किये गये ब्योरे को आँगनवाडी और उपकेंद्र के ब्योरे से तुलनात्मक रूप से मिलान करके देखना।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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