pregnancy childbirth गर्भ-प्रसव गर्भपात
गर्भावस्था मलेरिया

मलेरिया भी माँ और बच्चे दोनों के लिए बुरा है। इससे गर्भ की वृध्दि ठीक से नहीं होती है। जिससे जन्म के समय उसका भार कम होता है या कभी-कभी गर्भ में ही उसकी मौत तक हो सकती है। मलेरिया से गर्भपात और कालपूर्व जन्म भी होने की सम्भावना रहती है। गर्भावस्था में मलेरिया से बचें। मच्छरदानी के इस्तेमाल की सलाह दें। जब भी किसी गर्भवती महिला को ठण्ड लगने के बाद साथ बुखार हो तो उसे जल्दी क्लोरोक्वीन दें। गर्भावस्था में मलेरिया होना, और गंभीर मलेरिया होने की संभावना अन्य महिलाओं के तुलना में अधिक होती है, मलेरियाग्रस्त महिला अगर गर्भवती हो, तो अन्य मलेरिया के मरीज के तुलना में उसके मौत की संभावना ५ गुना अधिक रहती है|

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क्लोरोक्वीन की २ गोलियॉं

गर्भवती महिला को मलेरिया हो तो उसे गर्भपात हो सकती है| मृत जन्म, समय से पहले जन्म या कम वजन वाले बच्चे का जन्म होना भी संभव है| मलेरिया से हुई खून की कमी के कारण महिला को गर्भावस्था में एनीमिया की अनेक तकलीफ भी होती है| यह बहुत जरुरी है की गर्भवती महिला को मलेरिया से बचाएँ| सोते वक्त डेल्टामेथ्रिन लगाया गया मच्छरदानी में सोना चाहिए| (अगर यह उपलब्ध नहीं है, तो साधारण मच्छरदानी में ही सोने को कहें|) राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम में मलेरिया वाले इलाकों में गर्भवती महिलाओं को हर सप्ताह क्लोरोक्वीन की २ गोलियॉं (१३वे सप्ताह से लेकर प्रसव के एक माह बाद तक) दी जाती थी; मगर अब यह नहीं दिया जाता इसलिए की क्लोरोक्वीन का मलेरिया परजीवी पर असर कम हो गया है, (परन्तु बहुत से जगहों में क्लोरोक्वीन अब भी प्रभावशाली है|) गर्भवती महिला को अगर ठन्ड होकर बुखार आए तो उसकी खून जॉंच कर के पेखें कि कही मलेरिया तो नहीं है? अगर है, तो उसे क्लोरोक्वीन तुरंत दे और डॉक्टर के पास भेजे|

क्लोरोक्वीन गोली से गर्भपात होता है क्या?

बहुत से स्वास्थ्य कर्मियों का (डॉक्टरों का भी) यह मानना है कि क्लोरोक्वीन गर्भ के लिए हानिकारक है और इससे गर्भपात हो जाता है| वास्तविकता यह है की मलेरिया से पीडीत महिला के शरीर में तापमान इतना बढ जाता है की भ्रूण जी नहीं पाता, इसके साथ ही नाल के सूक्ष्म केशवाहिकाओं में मलेरिया के कारण टूटे हुए कण जम जाते है और भ्रूण को ऑक्सिजन नही मिल पाता, इन दोनो कारणों से गर्भपात हो जाता है|

जब कोई गर्भवती महिला कुछ दिनों से बुखार लेकर अस्पताल पहुँचती है, तब गर्भपात की प्रक्रिया शुरू हो गई होती है, इस समय जब उसे क्लोरोक्वीन दी जाती है, तो यह माना जाता है की इस दवा के कारण ही गर्भपात हुई| वास्तविकता यह है की क्लोरोक्वीन गर्भावस्था में पुरी तरह सुरक्षित है, मलेरिया के गर्भवती महिला को क्लोरोक्वीन न देना जानलेवा हो सकती है|

अन्य बिमारियाँ
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  • मधुमेह, दिल की बीमारियाँ या थायरोटोक्सीकोसिस अधिक थैराइड हॉर्मोन हो तो गर्भावस्था के दौरान और गंभीर हो जाते हैं। जिन भी माँओं को इनमें से कोई बीमारी हो उनके लिए विशेषज्ञोंसे इलाज की ज़रूरत होती है।
  • तपेदिक से बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • पीलिया गर्भवती महिला को जानलेवा हो सकती है।
  • एचआईवी का संक्रमण आँवल द्वारा बच्चे तक भी फैल सकती है।
  • सिफलिस से भी बच्चे पर असर होता है। इससे अक्सर गर्भपात हो जाता है। इससे जन्मजात व्यंग भी हो सकते हैं।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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