pregnancy childbirth गर्भ-प्रसव गर्भपात
गर्भावस्था के दौरान अ‍ॅनिमिया (रक्ताल्पता)

pregnancy during anemia गर्भवती महिला को प्रोटीन के अलावा कैलशियम और लोहा (आयरन) की भी ज़रूरत होती है। प्रोटीन और कैलोरी की कितनी मात्रा ली जा रही है यह परिवार के आहार के तरीके पर निर्भर करता है। और माँओं को गर्भावस्था और दूध पिलाने के समय खास आयरन की कमी हो सकती है। भारत में करीब ५० से ८० प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को अ‍ॅनिमिया होता है। गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन का स्तर ११ ग्राम से कम होना अ‍ॅनिमिया है। अ‍ॅनिमिया से माँ और बच्चे दोनों को नुकसान होता है। अगर अ‍ॅनिमिया बहुत गम्भीर (६ से कम हिमोग्लोबीन) हो तो इससे जन्म के समय बच्चे का वज़न कम होता है। अ‍ॅनिमिया से पीड़ित महिला में ताकत और प्रतिरक्षा की भी कमी होती है। ऐसी महिला में प्रसव के बाद अधिक खून बहता है।

अ‍ॅनिमिया के लक्षण हैं _ दिल की धडकन, कमज़ोरी थकान और कभी-कभी पैरों में सूजन। चमडी फीकी दिखती है पर इस पर ध्यान नहीं जाता। हल्का अ‍ॅनिमिया होने पर अक्सर इस पर ध्यान ही नहीं दिया जाता। इसकी मानो आदत सी हो जाती है। आयरन दिया जाना अब राष्ट्रीय प्रजनन स्वास्थ्य कार्यक्रम का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत हर गर्भवती महिला को आयरन _ फोलिक अम्ल की १०० गोलियाँ मिलनी चाहिए। अगर ये गोलियाँ रोज़ खाने से अ‍ॅनिमिया से बचाव हो सकता है। आयरन की गोलियाँ बच्चे को दूध पिलाते माँ को भी ज़रूरी हैं। बच्चा होने के समय जो थोड़ा रक्तस्राव होता है वह भी अ‍ॅनिमिया में काफी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि अनीमिया से पीड़ित महिला के खून में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता पहले ही काफी कम होती है।

गर्भावस्था में कुछ गंभीर बीमारियाँ

uterus parts गर्भावस्था के आशंकापर पहिले अपने डॉक्टर से या प्रसविका से मिलिये, अपना पंजियन कर लेना जरुरी है। हर प्रसव अस्पताल में होना जरुरी है, क्योंकी उसमें कभी भी तकलीफ उठ सकती है।

गम्भीर अ‍ॅनिमिया

गम्भीर अ‍ॅनिमिया (जब हीमोग्लोबिन का स्तर ६ से कम हो) में तुरन्त चिकित्सीय सहायता की ज़रूरत होती है। कभी-कभी बाहर से खून भी चढ़ाना पड़ सकता है।

बहुत अधिक उल्टियाँ होना
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गर्भावस्था में उल्टियाँ

गर्भावस्था में उल्टियाँ होना महिला हारमोनों के ज्यादा स्त्रावित होने से जुड़ा है। पहले तीन महीनों में सुबह होने वाली तकलीफ में उल्टियाँ हो सकती हैं। ये उल्टियाँ कभी-कभी ही दूसरे तिमही तक ज़ारी रहती हैं। ये स्थितियाँ परेशानी की हैं और इसके लिए विशेषज्ञ की राय की ज़रूरत होती है। इस तरह की उल्टियों का एक कारण असामान्य गर्भावस्था भी होता है। (इसे वैसीकुलर मोल/अंगूर गर्भ कहते हैं।)

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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