Accidents दुर्घटनाएं और प्राथमिक उपचार
दुर्घटनाओं और आक्समिक घटनाओं में प्राथमिक उपचार
क्र. दुर्घटनाएं या आकस्मिक घटनाएं प्राथमिक उपचार
०१ सांप का काटना हाथ
या पैर पर खप्पची बांध कर उसका हिलना डुलना बंद कर दें। सर्पविष विरोधी
इन्जैक्शन अंत:शिरा जरुरी हो तो निओस्टिबमाइन और ऐट्रोपिन के अंत:शिरा
इन्जैक्शन दें। इसके बाद अस्पताल भेजे।
०२ बिच्छू का काटना काटे जगहपर बर्फ लगाएँ। ऍस्पिरिन की गोली दे। डॉक्टर के पास ले जाएँ।
०३ घाव दबा
कर या धमनी चिमची से खून का बहना बंद करें। अंदरूनी चोट की जांच करें
(किसी तरह का हिलना डुलना, संवेदना या धड़कन बंद होना ) या और कोई खतरनाक
लक्षण। त्वचा के दो कटे हुए सिरों को प्लास्टर या टांके लगा कर सिल दें।
०४ हड्डी टूटना खपच्ची से बांध कर उस भाग का हिलना डुलना बंद कर दें। खून रोक लें।
०५ दिल का दौरा पड़ना कृत्रिम सांस दें और दिल की मालिश करें। पैरों को ऊपर उठा दें जिससे दिल तक खून ज़्यादा आसानी से पहुँचे।
०६ डूब जाना मुँहसे सांस दे और जरुरी हो तो दिल की मसाज करे।मुँहसे सांस दे और जरुरी हो तो दिल की मसाज करे।
०७ पेटमें ज़हर चला जाना खूब
सारा नमकीन पानी पिलाकर उल्टी करवाएं। पर अगर यह ज़हर किसी अम्ल या क्षार
का हो तो ऐसा नहीं करना चाहिए। ऑरगेनो फॉसफोरस के ज़हर से प्रभावित होने पर
४ से ५ शीशियॉं ऐट्रोपिन का अंत: शिरा इन्जैक्शन दें। बच्चों को उल्टी
करवाने के लिए एक कप पानी के साथ टिंचर आइपेकाक का इस्तेमाल किया जा सकता
है (१० साल से कम के बच्चों के लिए ५ मिलीलीटर काफी होता है।
०८ गंभीर निर्जलीकरण मुँह से पानी और नमक चीनी का घोल दें। अंत:शिरा सलाईन भी देना शुरु कर दें।
०९ तेज़ बुखार गीले कपड़े से बार बार बदन पोंछें।
१० कुत्ते का काटना घाव को अच्छी तरह से साबुन के पानी से धो दें। साफ कपडे से ढँक दे।
११ जल जाना आग बुझाने और जलने से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए तुरंत पानी डालें।
घाव को साफ कपड़े से ढक दें। मुँह से तरल पदार्थ देने शुरु कर दें।
१२ बिजली का झटका किसी
लकड़ी/लाठी के मदद से व्यक्ति को तुरंत बिजली से हटा दें। फिर मुख्य स्विच
बंद कर दें। सांस लेने में मदद करें और दिल का चलाना शुरु करने की कोशिश
करें।
१३ आक्षेप/दौरे व्यक्ति को नुकसानदेह चीज़ों से दूर एक तरफ कर दें। व्यक्ति के मुँह में कुछ न डालें।
१४ हवा के मार्ग में बाहरी चीज़ फंस जाना पेट को झटके से दबाएं जब तक कि चीज़ बाहर न निकल जाए। बच्चों के लिए उसे अपनी बाहों में लेकर पीठ ठोंकने से भी चीज़ बाहर आ जाती है।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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