करीब 10 से 20 प्रतिशत जोड़ों को बन्ध्यता की समस्या होती है। बच्चा न होने का कारण पुरुष या महिला किसी में भी कुछ कमी होना हो सकता है। परन्तु इसके लिए हमेशा महिला को ही ज़िम्मेदार ठहराया जाता है और उस पर लाँछन लगाए जाते हैं। कभी-कभी बिना सोचे समझे पुरुष की दोबारा शादी कर दी जाती है। असल में इसमें किसी का दोष न मानकर इलाज करे तो बेहतर होगा।
1. बहुत कम शुक्राणु होना या शुक्राणु न होना, सबसे आम कारण है। इसके कई कारण हो सकते हैं:
2. कभी-कभी लिंग के उद्दिपन न हो पाने या वीर्य न निकल पाने के कारण होता है।
3. सम्भोग के बारे में सही जानकारी न होने से।
सिर्फ विशेषज्ञ ही तय कर सकते हैं कि कारण क्या है और क्या उपचार होना चाहिए। इनमें से कुछ कारणों का इलाज आसानी से हो सकता है।
इस तरह किसी जोड़े की बन्ध्यता के कई कारण हो सकते हैं। डॉक्टर तक के लिए असली स्थिति का पता लगाना मुश्किल होता है। बन्ध्यता के इलाज के लिए समय, संवेदनशीलता और आपसी विश्वास की ज़रूरत होती है।
सबसे पहले वीर्य की जाँच की जानी चाहिए। यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भी है और आसान भी। वीर्य में शुक्राणु ओं की संख्या, गति, और आकार की जाँच की जाती है। वीर्य के नमूने हस्तमैथुन से लिए जाते हैं। औरतों में शारीरिक जाँच में अन्य यौन लक्षणों की जाँच भी की जाती है। जैसे कि शरीर के बाल, छातियों का उभार, अन्दरूनी जाँच और अन्य चिकित्सीय टेस्ट। नलियों की जाँच के लिए खास तरह के टेस्ट भी उपलब्ध हैं।