पानी में काम करने से पैरों में सूजन आती है |
धान उगाने वालों को खास कर धान रोपने के समय यह बीमारी हो जाती है। अन्य लोगों को भी जिन्हें पानी में नंगे पैर खड़े होकर काम करने की ज़रूरत होती है यह बीमारी हो जाती है। कभी कभी लम्बे समय तक जूते पहने रहने पर यह पैरों के उँगलियों के बीच भी हो जाता हैं। असल में पानी और मिट्टी के साथ लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा मुलायम हो जाती है और उसमें संक्रमण या फफूँद पनपते हैं इससे भयंकर खुजली और सूजन हो जाती है पीप से भरे हुए फोड़े भी हो सकते हैं। ऐसा जीवाणू-संक्रमण के कारण होता है।
अगर मवाद हो गया हो तो इसका इलाज है बैक्टीरिया रोधी दवाई जैसे कि टैट्रासाईक्लीन मुँह से खाना। और बैक्टीरिया रोधी और फफूँद रोधी दवाई संक्रमण के स्थान पर लगाना। जेंशियन वायलट दवा लगाने से तीन चार दिनों में आराम आ जाता है। तेल युक्त नीम का सत्त भी फायदेमन्द होता है। कई किसान इसके लिये आग जला कर उसके धुएँ में पैर को सेकते भी हैं। इससे बचाव रबर के ऐसे जूते पहन कर हो सकता है जिनमें पानी न घुस सके और पैरों को सूखा रखा जा सके। खेती के काम के बाद पैर को ठीक से सुखाने से भी इस बीमारी से बचाव हो सकता है।
बच्चों में गर्मियों में यह समस्या हो जाती है। छोटे-छोटे लाल दाने हो जाते हैं जिनमें खूब खुजली होती है यह पसीने की ग्रंथियों के बन्द हो जाने के कारण होता है यह अपने आप ठीक हो सकता है। जलन व खुजली में खाने का तेल, चन्दन का लेप या पाउडर लगाने से मदद मिलती हे।
चकत्ते दो तरह के होते हैं या तो संक्रमण वाले या एलर्जी वाले। इसमें त्वचा पर कुछ दाने या चकत्ते उभर आते हैं। हर तरह की बीमारी में अलग अलग तरह की चकते उभरती है।
हरपीस और पायोडरमा आम संक्रमण वाली बीमारियाँ है। जिनमें दाने आदि त्वचा पर उभर आते हैं, खसरा, छोटी माता (चिकनपाक्स), डेंगू बुखार में भी त्वचा पर दाने उभर आते हैं। खसरे में ये दाने धीरे-धीरे उभरते हैं और हर एक दाना सरसों के बीज जैसा दिखता है। छोटी माता के दाने पीप जैसे पदार्थ से भरे होते हैं और क्रमिक रूप से उभरते हैं। पायोडरमा एक जगह पर केन्द्रित होता है और इसमें हर दाने में श्राव निकलता है और खुजली होती है।
एलर्जी से होने वाले दानों या चकत्तों में खूब खुजली होती है। दाने या चकत्ते हल्के (सिर्फ लालीपन), बीच के (धब्बों जैसे) और गहन (चकत्तों की जगह पर सूजन व खून निकलना) हो सकते हैं। ये दाने या चकत्ते पूरे शरीर पर हो सकते हैं। कुछ दवाइयॉं भी दाने या चकत्ते पैदा कर सकती हैं। कई एक रोगाणु नाशक दवाइयों जैसे कोट्रीमोक्साजोल से भी दाने हो सकते हैं।
मुख्य बीमारी का इलाज करें। पायोडरमा के लिए जगह पर लगाने वाले संक्रमण विरोधी की ज़रूरत होती है।एलर्जी का इलाज सीपीएम और कुछ समय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्टीरॉएड से किया जाना चाहिए। अगर किसी दवाई से एलर्जी हो रही है तो तुरन्त उस दवा को बन्द कर दें।