सॉंप डसनेका डर हर किसीको होता है| सर्पदंश घातक है या विषहीन यह पहेचाननेके लिये कुछ जानकारी जरुरी है| हमारे देश में सिर्फ ४या५ साप विषैले है| इनको हम देखकर आसानीसे पहेचान सकते है| विषैले सापोंके दो लंबे उपरी दांत विषेले होते है| शरीरमें यह विष धमनियोंसे नही तो लसिका संस्थानसे फैलता है| इसिलिये सौम्य दबावसे भी हम उसको रोक सकते है| प्राथमिक इलाज देकर हम बाधित व्यक्तीको अक्सर बचा सकते है| इसके लिये आगे चलकर कुछ विवरण दिया है|
पीडीत व्यक्तीको लेटे रहनेको कहिये| काटी हुएँ अंग को गीले कपडेसे हल्केसे साफ किजिये|
पीडीत व्यक्तीको धीरजके साथ लेटे रहनेसे कहिये| इससे विष कम फैलता है| अब ४-६ इंच चौडी इलॅस्टिक क्रेप बँडेज लिजिये| यह बँडेज नही है तो ओढनी या साडी या धोती आदि की पट्टी इस्तेमाल कर सकते है| कांटे हुए हाथ या पैर को निचे से उपर तक यह पट्टी हलके दबाव के साथ बांधिये| हल्के दाब का निशान ये है की उसमें हम उंगली प्रविष्ट कर सकते है| अब २-३ फीट लंबी एक लाठी या प्लॅस्टिक पाईप लेकर इस अंग को बांध दे| इससे उस अंग की हलचल कम होगी| अब पीडित व्यक्तीको बांबू और चद्दर के स्ट्रेचर पर लेकर अँब्युलन्समें रखे| डॉक्टरोंको फोन पर पूर्वसूचना देनी चाहिये|
घबराहट हानीकारक होती है| इससे शरीरमें विष जल्दी फैलता है| दंश की जगह जख्म ना करे| इससे संक्रमण की आशंका बढती है| अपने मुँहसे विष चूसनेका प्रयास मत किजीये| पिडीत अंगपर रस्सी न कसे| यह बहुत नुकसानदेह होता है| मंदिर या झांड फूंकमें व्यर्थ समय नही गवॉंना चाहिये| अस्पताल पहुँचनेके पहले पट्टी नही छोडना चाहिये| यह भूल जानलेवा हो सकती है| अस्पतालमें इंजेक्शन देनेके बाद डॉक्टर पट्टी छोडेंगे|
हमारे देश में चार प्रमुख जाती के साथ विषेले होते है| उसमे नाग, क्रेट याने बंगारस, दुबोइया और फुरसा ये जातीयॉं है| अगर सॉंप मारा है तो अस्पताल ले चलीये|
कुछ व्यक्ती केवल डरसे ही बेहोश होते है|सर्पविष के लक्षण देखने के लिये कम से कम आधा घंटा अवधी लग सकता है|
कुछ लक्षण घातक है जैसे की पिडीत व्यक्तीको सुस्ती या निद्रा आना, बोलने में लडखडना या भारीपन, श्वसन के समय तकलीफ, मसुडोंसे खून चलना या कही भी रक्तस्त्राव|
सही प्राथमिक इलाज से हम रोगी को बचा सकते है| सही प्राथमिक इलाजसे डॉक्टरी इलाजभी जादा आसान होते है|
नाग या क्रेट सॉंप कॉंटनेपर मस्तिष्कपर दुष्प्रभाव होता है| इस दुष्प्रभाव को रोकने के लिये निओस्टिगमिन और ऍट्रॉपिन इंजेक्शन की जरुरी है| ये इंजेक्शन हर आधे घंटे को देना चाहिये| सॉंप के विष पर सिरम का इंजेक्शन सिर्फ अस्पतालमें ही देना चाहिये| इस इंजेक्शनको भी ऍलर्जीका खतरा संभव है|