अगर आप बिना कारण हॉफने लगते है, तो इसका कारण कोई रोग हो सकता है| हॉफना-अर्थात सॉँस का तेजी से चलना| सामान्यत: जवान और प्रौढ व्यक्ती हर मिनिट में १६-२० बार श्वसन करते है| अर्थात कसरत के समय ये गती बढ जाती है| लेकिन बिना किसी शारीरिक श्रमके हॉफना, ये एक रोग है| हॉफनेकी यह तकलीफ जादातर हृदय, फेफडे या खूनकी बिमारियोंके कारण हो सकता है|
हॉफना और कमजोरी दो अलग बातें है| लेकिन कभी कभी वें एकसाथ शुरू होती है| कमजोरी, अर्थात श्रम करने की शक्तीकी कमी| हॉफनेकही तकलीफ हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह ले| अब हम इसके बारेमें थोडी जानकारी लेंगे|
हॉफने के हृदय से संबंधित कारण
- रुमॅटिक बुखारके कारण हृदयकी वॉल्व बिगड जाते है| इसके कारण शरीर तथा फेफडोंमें रक्त की आपूर्ती नही हो पाती| रुमॅटिक बुखार का कारण – जिवाणू संक्रमण के कारण शरीर की प्रतिकारशक्तीमें दोष निर्माण होना| यह रोग स्कूली उम्रमें होता है| बदलता जोडोंका दर्द, बुखार का आना जाना लगा रहता है| बाद में दिलपर असर होता है|
- कुछ बच्चोंको जन्मसेही हृदयविकार होता है| इन बच्चोंको थकान जल्दी आती है| ये अधिकतर बैठे रहते है और त्वचा नीलीसी दिखाई देती है|
- हॉफनेका और एक कारण हृदय की धमनियॉं बिगडनेसे हृदय की क्षमतामें कमी आ जाती है|
- अतिरक्तदाबसे दिल पर तनाव बढताहै, यह और एक कारण है|
- कभी कभी फेफडोंमें खून की गांठ का अटकना यें गांठे शरीरसे हृदयमें तथा वहॉंसे फेफडोंकी रक्तवाहिनीमें आती है| ऐसे में रोगी को सॉंस की कठिनाई महसूस होती है| इसपर तुरंत उपचार करने पडते है|
- तीव्र रक्ताल्पताके कारण दिलको अधिक काम करना पडता है| इससे सॉंस लगती है|
श्वसनसंस्थानसे संबंधित हॉफने के कारण
- श्वसनसंस्था का दमा एक प्रधान कारण है| यह ऋतुनुसार कम अधिक होता है| इसमें श्वसनोपचारसे आराम पडता है|
- कभी कभी फेफडोंमें क्षयरोग याने टी.बी से नुकरान होना या पानी जमता है| इसके अन्य लक्षण है -बुखार, खांसी, कमजोरी, भूख तथा वजन घटना, उसी प्रकार थूक में खून का गिरना|
- न्यूमोनिया में फेफडों में संक्रमण होता है| इसके अन्य लक्षण है-बुखार और सीनेमें दर्द|
- कुछ लोगोंको लगातार धूल या धुएँ में काम करना पडता है| इससे फेफडे धूल से भर जाते है|
- हिमालय जैसे उँचे पहाडोंपर जानेसे प्राणवायू की कमी से व्यक्ती हॉफने लगते है| यह तकलीफ नीचले स्तरपर अपने आप ठीक हो जाती है|
- श्वसनमार्गमें किसी चीज के अटकनेसे सॉंसमें कठिनाई होती है| इसके लिये तुरंत वैद्यकीय ईलाज जरुरी है|
सूचना
- बेवजह, अचानक हॉफनेकी तकलीफ हो तो योग्य वैद्यकीय सलाह ले|
- होठ, जबान, नाखून, चेहरा आदिपर नीलीसी झलक हृदयरोगका लक्षण हो सकता है|
- धूलयुक्त कारखानोंमें काम करनेवालोंको फेफडे की बिमारी होती है| गिट्टी, क्रशर, कपास कारखाने, सिलिका उद्योग, शक्कर कारखानेमें गन्नेका कचुमर उठानेवाले कर्मचारी, हलदी कर्मचारी, आटा चक्की आदि सभीमें इसका थोडाबहुत खतरा होता ही है|