मतली और उल्टी ये काफी सामान्य समस्यॉंए है| मतली यह सिर्फ एक भावना है तो उल्टी एक क्रिया है| कुछ लोगोंको मतली या उल्टी जल्दी और जादा महसूस होती है| गाडी या नांव में यात्रा के दौरान ऐसे लोगोंको जादा तकलीफ होती है|
मतली और उल्टी के सामान्य कारण
- कुछ दवाओंके दुष्प्रभाव से मतली और उल्टी होती है| जितना हो सके दवॉंए खाली पेट ना दे|
- कुछ लोगों को यात्रा के दौरान मतली, उल्टी का अनुभव होता है| इसके लिये इसकी दवॉंए आधा घंटा पूर्व लेकर ही चले|
- अपच्य, अम्लता, शराब आदि से मतली और उल्टी होती है| उल्टी होने के बाद अक्सर सब ठीकठाक हो जाता है|
- गर्भावस्था में पहले तिमाही में मतली या उल्टी होती है| यह समस्या बाद में अपने आप रूक जाती है|
- कभी कभी ऍक्सिडेंट या गंदगी बदबू के कारण भी उल्टी हो सकती है|
- मतली और उल्टी के कुछ गंभीर कारण|
- पाचन तंत्र का संक्रमण जैसे की हैजा होने से उल्टी होती है|
- कभी कभी पेटमें कृमी जादा होनेसे ही उल्टी होती है|
- खाद्य विषाक्तता सामान्यत: एक समय जादा लोगों को होती है|
- आँत में अटकाव या गांठ होनेसे ही उल्टियॉं होती है| इसमें काफी दर्द होता है|
- पीलिया बिमारी में मतली और उल्टी होती है|
- कीटनाशक रसायनोंसे विषबाधा होना यह एक संभाव्य कारण है| ऐसे समय उल्टी को और सांस को रासायनिक बू आती है|
- सदोष गर्भ के कारण कभी कभी उल्टियॉं होती है|
- मस्तिष्क में गांठ या संक्रमण के कारण उल्टियॉं चलती है|
- गुर्दोंकी बिमारी के कारण युरीया खून में बढकर उल्टियॉं होती है| इसमें पेशाब की मात्रा हर दिन कम होती जाती है|
प्राथमिक इलाज
उल्टी के कारण सामान्य हो तो कुछ करने की जरुरत नही| सामान्यत: उल्टी के बाद समस्या हल होती है|
- जरूरत हो तो मतली,उल्टी के लिये गोली ले| मतली उल्टी के लिये सूतशेखर मात्रा लेना उपयुक्त है|
- अपच और आम्लता भी उल्टी से ठीक होते है| आम्लता के लिये अँटासिड गोली पर्याप्त है|
- उल्टी अगर किसी दवा के कारण संभव हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा|
- उल्टी के गंभीर कारण हो तब जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर के साथ संपर्क करना चाहिये|
विशेष सुझाव
- एक या दो उल्टियों से डरने की जरूरत नहीं| उल्टी के जरिये पाचन तंत्र से गैर जरुरी पदार्थ बाहर निकलता है| फिर भी संभाव्य कारण का विचार अवश्य होना चाहिये|
- आयुर्वेद और योगशास्त्र में वमन क्रिया एक इलाज स्वरूप है|
- उल्टी में खून गिरना, गंभीर बिमारी का सूचक है| ऐसी बिमारी यकृत या लिवर से जुडी होती है|
- जोर से और जादा समय उल्टियॉं होना गंभीर बिमारी से जुडा होता है|
- बेहोष अवस्थामें रोगी को उल्टी होने पर पदार्थ श्वसन तंत्र में जाने का खतरा होता है| इसलिये ऐसे रोगी को बगलपर के तरफ सुलाकर चेहरा नीचे झुके रखना चाहिये| इस स्थिती में उल्टी श्वसनतंत्र में जाने से बच सकते है| पानी में डूबे व्यक्ती को प्राथमिक इलाज करते समय भी ये बात ध्यान में रखे|