डेंग्यू बुखारलघु लेख

dengueडेंग्यू एक विषाणूजन्य बिमारी है और ईडस प्रजाती के मच्छरोंके कारण फैलती है| शहर और इर्दगिर्दके विभागोंमे बरसात के समय यह बिमारी फैलने की संभावना होती है|

रोगनिदान

मच्छर काटने के बाद ४-६ दिनोंमे अचानक कंपकंपी के बाद बुखार आता है| बुखार की मात्रा १०४-१०५ फॅरनहिटतक होती है| मरीज को सिरदर्द, जोडोंका दर्द और बदनदर्द होता है| आँखोंके पिछले पेशीयोंमे दर्द महसूस होता है| बुखार थोडासा कम होता है लेकिन दो दिन बाद फिर बढता है| छाती गला और चेहरेपर लाल दाने उभरते है और दो दिन बाद चले जाते है| इस सामान्य डेंग्यू बुखार के लगभग एक प्रतिशत मामलोंमे रक्तस्त्राव की संभावना होती है, खास करके बच्चोंमे| ऐसी बिमारीमे बुखार लगातार चलता है| नाकसे, मसूडोंसे खून निकलता है। उल्टीमेंभी खून नजर आता है| खून के कारण टट्टी/मल कालीसी दिखाई देती है| इस मरीज के खून मे सफेद रक्तकोशिका और प्लेटलेटकी मात्रा कम होती जाती है| ऐसी हालत मे जल्द से जल्द डॉक्टरी इलाज जरुरी है| बुखार और रक्तस्त्रावमें कुछ मामलो मे स्थिती और बिगडकर रक्तचाप गिरने लगता है| त्वचा ठंडी और चिपचिपी महसूस होती है| नाडी तेजीसे चलती है लेकिन कमजोर होती है| यह सारे लक्षण डेंग्यू बुखार के हप्तेभर के बाद होते है| इसको डेंग्यू शॉक सिंड्रोम या सदमा कहते है| इसमे पेट मे दर्द, उल्टी, सरदर्द, बेचैनी या सुस्ती ये भी लक्षण होते है| इस स्थितीमे बिमारी का समयपर अच्छा इलाज होना जरुरी है| अन्यथा यह स्थिती घातक है| डेंग्यू बुखारमे एक प्रतिशत से कम मरीजोंमे रक्तस्त्राव का खतरा संभव है| बाकी सारे ठीक हो जाते है| इसलिए डरे नही लेकिन सावधानीसे हर संभव कोशिश करे|

परीक्षण

डेंग्यू बुखारमे रक्तस्त्राव का संभव जल्दी पहचानने के लिए एक आसान तरीका है| मरीजको रक्तचाप मापनेकी पट्टी बाहपर लगाए और दबाव ८० मि.मी.तक चढाए| इसके बाद तुरंत पट्टी के नीचे के हाथ की त्वचा का परखें| रक्तस्त्राव की संभावना हो तो त्वचापर सरसों जैसे लाल बिंदू निकल आते है| ऐसी स्थितीमें रक्तस्त्राव का धोखा मानकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे| डेंग्यू बुखारमे रक्तकोशिका और प्लेटलेट की संख्या निदान और उपचार के लिए जॉंचना जरुरी होता है| डेंग्यू का विषाणू निश्चित रूप से पहचाननेके लिए खून की विशेष जॉंच करनी होती है| लेकिन इसके लिए आपके डॉक्टर फैसला करेंगे|

इलाज

सामान्यत:इसके लिए घर पर इलाज लेना काफी है| पॅरसिटामॉल गोलिया और तरल पदार्थ का सेवन और विश्राम करना पर्याप्त होता है| कृपया अन्य किसी दर्द और बुखार की दवाए न दे| सही उपचारसे ९९ प्रतिशत रोगी एक हप्ते के अंदर बिलकूल ठीक हो जाते है| यदी आप खून बहना या सदमेके लक्षण देखते है तो कृपया डॉक्टरसे संपर्क करे| हो सकता है रोगीको आय.सी.यु मे भर्ती करना और खून भरना पडेगा|

रोकथाम

डेंग्यू एडीस मच्छर के वजह फैलता है| यह मच्छर अपने शरीर पर दिखनेवाली सफेद पट्टीयोंके कारण टायगर मच्छर कहलाता है| इन मच्छरोंका प्रजनन घरेलू पानी के ठिकानों -जैसे टीन के डब्बे, गमला, कुलर ट्रे, फेके हुए टायर, फुलदानी आदी मे होता है| आपके घरमें और आसपास के ऐसे सभी ठिकानोंको हर हप्ते पानी निकालकर सुखाना चाहिए| मच्छर निवारण के लिए खिडकियोंपर तार की जाली, सोते समय मच्छरदानी, मच्छर निवारक मरहम और भॉंप के उपकरण आदी उपयोग करे| डेंग्यू बुखार की रोकथाम करना जरुरी है| हमे मच्छरोंके पनपने की ठिकानोंका हर हप्ते निरीक्षण और सफाई करना चाहिये| नगरपालिका कर्मीयों के साथ इसके लिए पूरा सहकार्य करे|

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

message-icon shyamashtekar@yahoo.com     ashtekar.shyam@gmail.com     bharatswasthya@gmail.com

© 2009 Bharat Swasthya | All Rights Reserved.