मलेरिया बुखारलघु लेख

malaria मलेरिया एक मच्छरोंसे फैलनेवाला परजीवी संक्रमण है| मच्छर काटने के बाद लगभग ८-१४ दिनोंके बाद इसका बुखार चलता है| हमारे देश मे सामान्यत: इसके दो प्रकार पाये जाते है – व्ही याने व्हायवॅक्स और एफ याने फॉल्सिपेरम|
इसका एफ प्रकार घातक है और जानलेवा साबित हो सकता है| पहले हम आमतौरपर पाये जानेवाले व्ही प्रकार के मलेरिया के बारेमें जानकारी लेंगे|

रोगनिदान

इसके लक्षण इस प्रकार है| अचानक कंपकंपी और थंड लगकर बुखार चढता है | बुखार २-४ घंटे चलकर पसीना छूटकर उतरता है|
मरीज को सरदर्द, बदनदर्द, पीठदर्द और कमजोरी का अनुभव होता है| लेकिन इससे जादा सामान्यत: कुछ होता नही है|
सामान्यत: इसका बुखार हप्ताभर आते जाते रहता है| कुछ लोगोंमे बुखार हरदिनभी आ सकता है| अगर मलेरिया बुखार एफ प्रकार का हो तो इससे मस्तिष्क और गुर्दोपर दुष्प्रभाव हो सकता है| इसमे सिरदर्द और बदनदर्द के साथ जादा बुखार चलता है|
मस्तिष्कपर असर होता है तब बार बार उल्टियॉं, बोलने चालनेमें बदलाव, नींद की प्रवृत्ती, दौरे याने फिटस् और बेहोषीतक लक्षण दिखाई देते है| गुर्देपर असर होने से पेशाब कालीसी होती है| लेकिन एफ प्रकार भी जल्द निदान और शीघ्र उपचारसे बिलकूल ठीक हो सकता है| इसलिए डरने की जरुरी नही| लेकिन सावधानी चाहिये| मलेरिया की बिमारी के लिए सामान्यत: अच्छी दवाइया और इलाज हर कही उपलब्ध है| ऐसे बुखार और लक्षण के लिए अपनी डॉक्टरी सलाह जल्द से जल्द लेनी चाहिए| मस्तिष्कके लक्षणोंपर विशेष ध्यान दें| अपनी नजदिकी स्वास्थ्य केंद्र की भी सहायता ले ले|

परीक्षण

मलेरिया बुखार के लिए अच्छे परीक्षण तकनिक उपलब्ध है| कॉंच पर खून का नमुना याने धब्बा लेकर सूक्ष्मदर्शिका परीक्षण करना सबसे अच्छा और सस्ता परीक्षण तकनिक है| इसमे मलेरियाका सूक्ष्म परजीवी व्ही या एफ प्रकार का है यह भी पता चलता है|
इसके पर्याय रुप एक रॅपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट भी उपलब्ध है| इससे तीन मिनिट में खून का परीक्षण और मलेरिया प्रकार जान सकते है| अगर ये परीक्षण जल्दी उपलब्ध ना हो तो लक्षण के अनुसार मलेरिया का इलाज करा सकते है| लेकिन याद रहे की अपने डॉक्टर से इसके बारेमें सलाह करे|

इलाज

जल्द इलाज होना मलेरिया जल्दी ठीक होने के लिए और रोकथाम के लिए आवश्यक है| मलेरियाका तीन दिवसीय इलाज होता है| इसके लिए अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करे| व्ही प्रकार के बिमारी के लिए अस्पताल में भरती होना जरुरी नही| आमतौरपर इस बिमारी के लिए इंजेक्शन या सलाईनकी कोई जरुरी नही| आप चाय, कॉफी या अन्य तरल पदार्थ ग्रहण कर सकते है| मलेरिया के लिए क्लोरोक्वीन प्रथम पसंदीदा दवा है| इससे पेट में गडबडी ना हो इसलिए ये गोली रोटी, बिस्कूट या केले के साथ खाना चाहिए|
चौदा बरस या उपरी उम्रवाली व्यक्ती के लिए इसकी पहिली मात्रा चार गोलियॉं की है| छ घंटे के बाद दो और गोलियॉं ले ले| दुसरे और तिसरे दिन सुबह-शाम १-१ गोली खाना चाहिए| इन गोलियोंके साथ दर्द-बुखार के लिए पॅरासिटामॉल की १या २ गोली लेेनी चाहिए| कम उम्रवाले व्यक्तीको क्लोरोक्वीन की मात्रा कम देनी चाहिए|९-१४ उम्रवाले बच्चेको शुरुवात ३ गोलियोंसे करे और इसी हिसाबसे अगले डोस उसी प्रमाण से कम होते है|

रोकथाम

मलेरिया की बिमारी बरसात और गर्मी में जादा होती है| इन महिनोंमे जादा सावधानी जरुरी है| अपनी खिडकियोंपर तारकी जालियॉं लगाए| इससे जादातर मच्छर अंदर न आ सकेंगे| मच्छरोंके काटने के समय शरीर जादा से जादा ढकनेवाले कपडे पहने| साथमें मच्छर रोधक मरहम का इस्तेमाल करे| सोते समय मच्छरदानी के उपयोग से खुद का मच्छरोंसे बचाव करे| फॉगिंग या धुआ करनेसे मच्छर मर जाते है| इसके लिए अपनी नगरपालिका के संपर्क करे|
मच्छर निर्माण की जगहे ढूंढे और नष्ट करे| खास तौरपर पानी भरे गढ्ढे और इमारत निर्माण कार्य की जगह इकठ्ठा पानी, जितना हो सके कम करे| बिमारी के फैलाव के चलते, घरोंमें पायरेथ्रम मच्छरनाशक दवाओंका दीवारोंपर स्प्रे करवाना ठीक होगा| यह कीटकनाशक अपनी दीवारोंपर महिनोंतक मौजूद रहता है| तत्कालिक उपयोग के लिए मॅलेथिअन फॉगिंग का इस्तमाल करे|

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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