स्वास्थ्य विज्ञानने मानव की आयु काफी बढा दी है, इसमें टीकाकरणका बडा योगदान है| बडी माता जैसी रोगोंका नि:पात हुआ है| पोलिओ जैसे नुकसानदेह रोगोंसे भी टीकाकरण मौलिक संरक्षण देता है| टीकाकरण के लिये एक सुनिश्चित समय सारणी है, जिसके बारेमें हम अब जानकारी लेंगे|
टीकाकरणकी समय सारणी
भारत सरकारने टीकाकरण के लिये एक समयसारणी जारी की है| इसमें तपेदिक याने टी.बी, पोलिओ, गलघोंटू,काली खॉंसी, टिटॅनस, खसरा और जिगर शोथ बी, इन सात रोगोंके टीके शामील है| तथापि भारतीय बालरोग परिषद औरभी कुछ टीके सूचित करती है| इसके आगे टीका, उसका महिना और डोस क्रमांक दिया है|
- जन्म के बाद बी.सी.जी और मुँह से पोलिओ बुंद ० दिया जाता है| (बालरोग परिषद यकृत शोथ बी का प्रथम टीका भी देती है|)
- छ हफ्ते बाद ट्रिपल प्रथम डोस, पोलिओ बूंद १, यकृत शोथ बी-१ दी जाती है| (बालरोग परिषद इस समय यकृत शोथ २ और हिप १ का टीकाभी देती है)
- दस सप्ताह बाद ट्रिपल २ और पोलिओ बूंद २ और यकृत शोथ बी -२ (बालरोग परिषद हिब २ भी देती है|)
- चौदा हफ्ते बाद ट्रिपल ३, पोलिओ बूंद ३ और यकृत शोथ बी -३ (बालरोग परिषद यकृत शोथ बी -३ तथा हिब ३ भी देती है|)
- नौ महिने के समय खसरा एक डोस
- १६-२४ महिने ट्रिपल बूस्टर १ और पोलिओ बूस्टर १ (बालरोग परिषद हिब बूस्टर और एम.एम.आर. टीकादेती है) एम.एम. आर. में गालगुब्बी, खसरा और जर्मन गोवर के टीके जारी है|
- दो वर्ष के साथ बालरोग परिषद मोतीझरा याने टायफॉईड टीका देती है| यह टीका हर तीन बरस के बाद लेना जरुरी है|
- पॉंच वर्ष के समय डबल बूस्टर २ दिया जाता है (बालरोग परिषद ट्रिपल बूस्टर २, पोलिओ बूंद ५ और एम.एम.आर २ देती है|
- दस वर्ष के साथ टिटॅनस बूस्टर दिया जाता है|
- सोला वर्ष के साथ और एक टिटॅनस बूस्टर दिया जाता है|
- पेटसी माताओंके लिये टिटॅनस के २ डोस १ महिना अंतरालसे|
- अगले प्रसूतीके समय टिटॅनस का सिर्फ १ डोस दिया जाता है|
- भारतीय बालरोग परिषद पुरस्कृत टीकाकरणसे थोडा जादा खर्च लगता है| लेकिन इससे जादा सुरक्षा भी मिलती है| लेकिन अपने जेब के हिसाब से यह तय करे|
- भारतीय बालरोग परिषद पोलिओ बूंद के साथ पोलिओ टीके का इंजेक्शन भी जरुरी समझती है| इससे पोलिओसे सौ प्रतिशत छुटकारा मिलता है|
- वैसे भारत सरकार के टिकाकरण सालमें सिर्फ अतिरिक्त एम.एम.आर. टीका चढाना पर्याप्त समझते है| यकृत शोथ बी का टीका इतना जरुरी नहीं|
किशोरावस्था के लिये कुछ टीके
कुछ नये टीके अब उपलब्ध है| संभव हो तो ये टीके लेना ठीक रहेगा|
- पीसीबी ७ टीका छटे हफ्तेके बाद लेना चाहिये| इससे बच्चा न्युमोनिया, मेनिंजायटीस और कर्णपी से बचता है|
- छोटी माता का टीका १५वे महिने बाद लेना चाहिये| यकृत शोथ ए १८ महिनेके बाद लेना चाहिये|
- बाल अतिसार की रोकथाम हेतू रोटाव्हायरस टीका ६ हप्ते बाद लेना ठीक होगा|
- गर्भाशय ग्रीवाके कॅन्सरके रोकथाम के लिये १४-१८ वर्ष उम्र की लडकियोंको एच.पी.व्ही. टीका देना ठीक होगा|
विशेष सुझाव
- सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर सब जरुरी टीके उपलब्ध है|
- स्वास्थ्य केंद्र में इसकी सारणी प्राप्त कर सकते है|
- स्वास्थ्य कर्मचारी और डॉक्टर के अनुसार सलाह ठीक से समझे और व्यवहार करे|
- कुछ टीके सौम्य बुखार लाते है| इससे डरने की कोई बात नहीं| जरुरत हो तो स्वास्थ्य सेवक को पूँछ ले|
- सब टीके शीत रखने जरुरी है, अन्यथा टिके खराब होते है| शीत शृंखला के बारेमें कोई आशंका हो तो स्वास्थ्य कर्मचारी या डॉक्टरसे सलाह ले|
- किसी टीके को लेने में देरी हो तो अब वह कब लेना चाहिये इसके बारेमें स्वास्थ्य कर्मचारी को पूँछना चाहिये|
- टिकाकरण के समय बच्चोंको व्हिटामिन ए का डोस दिया जाता है| यह मात्रा हर छे महिने लेना ठीक है| लेकिन समय सारणी के कारण १८ महिने के बाद इसकी मात्रा दी नहीं जाती| व्हिटामिन ए के कारण बच्चोंके आँखे स्वस्थ रहती है और संक्रमण की रोकथाम भी होती है| अपने गॉंव में या वॉर्डमें सौ प्रतिशत बच्चोंका टीकाकरण होने के लिये प्रयास करे|