योनीमार्गसे सफेद पानी जाना यह एक सामान्य समस्या है| कभी ये एक बिमारी होती है तो कभी नही| स्वास्थ्यमें योनीमार्गमें रहनुमा जिवाणूंके कारण लॅक्टिक ऍसिड बनता है| इसके फल स्वरूप और जिवाणू या संक्रमण यहॉ रह नही सकते|
योनीमार्ग स्थित ग्रंथीयोंसे या गर्भाश्य ग्रीवासे अल्प मात्रामें हमेशा सफेद पानी जाता है| इसके कारण योनीमार्ग अपने आप साफ और संक्रमणमुक्त रहता है| ये अल्पस्राव स्वास्थ्य में गौर नहीं किये जाते| लेकिन स्राव बढनेसे समस्या बनती है| सफेद पानी जानेकी समस्या किसीभी उम्रमें हो सकती है| अब हम इस समस्या के बारेमें थोडी जानकारी लेंगे|
योनीमार्गके रोग रहित प्राकृतिक स्राव
पानी के साथ बदबू, लाल, पीला या हरासा रंग और पेडूमें दर्द हो तो इसको रोगलक्षण समझना चाहिये| हो सके इसमें यौन संक्रमण भी हो| रजोनिवृत्तीके बाद योनीमार्गमें लॅक्टिक आम्ल घटनेसे रोगजिवाणू बढने लगते है| इससे जुडे बिमारियोंके कुछ कारण इस प्रकार है |
रोगनिदान – रोगके कारण योनीमार्गसे स्राव
पानी के साथ बदबू, लाल, पीला या हरासा रंग और पेडूमें दर्द हो तो इसको रोगलक्षण समझना चाहिये| हो सके इसमें यौन संक्रमण भी हो| रजोनिवृत्तीके बाद योनीमार्गमें लॅक्टिक आम्ल घटनेसे रोगजिवाणू बढने लगते है| इससे जुडे बिमारियोंके कुछ कारण इस प्रकार है |
- खराब गर्भाश्य ग्रीवा- इससे हलका दर्द और खुजली अनुभव होती है| यौन संबंध के समय यह तकलीफ बढती है| स्राव थोडासा लाल होता है| इसके लिये अच्छे इलाज उपलब्ध है|
- योनीमार्गमें रोगजिवाणू बढकर बदबूदार और हरासा स्त्राव और खुजली आती है|
- योनीमार्गमें कवक के प्रभाव से दही जैसा स्राव और खुजली चलती है| योनीमार्ग अंदरसे लाल होता है| कवक रोधक गोली योनीमार्गमें २-३ दिन रखनेपर यह समस्या हल होती है|
- मोनिलियल योनीदाह- इस स्रावमें हरासा रंग होता है| योनिमार्गमें अंदर लाल बिंदू दिखाई देते है| हम खुद भी लाईट, स्पेक्युलम और आईने के जरिये ये जॉंच सकते है| इस समस्या के लिये भी योनीमार्गमें रखने के लिये गोली उपलब्ध है|
- परमा याने गोनोरिया एक यौन संक्रमक बिमारी है| इससे योनीमार्गमें दर्द, पीप याने पूय, बुखार और पेशाबमें जलन होती है| पुरुषको भी यह समस्या पहले होती है या बाद में आती है| समय पर इलाज न करनेसे यह रोग पेडूमें प्रविष्ट होता है|
- पेडूमें सूजन- पेडूमें स्थित प्रजनन संस्थानमें जिवाणू संक्रमण होनेसे बुखार, दर्द और बदबूदार स्राव चलता है| समयपर अच्छे इलाज न हो तो यह समस्या चिरकालीक बनती है| आगे चलकर डिंबनलिका सूजन और वंध्यत्वका संभव होता है| यौन संबंध के समय पेडूमें दूखना इसका विशेष लक्षण है|
- अधुरा या दूषित गर्भपात होता है तब लाल रंग का और बदबूदार स्राव बहता है| इसके साथ बुखार और दर्द होते है| इसके लिये शीघ्र उपचार आवश्यक है|
- गर्भाश्य ग्रीवा का कॅन्सर हो तब स्राव लाल सा होता है| इसपर संक्रमण चढनेसे बदबू और पूय मिश्रित पानी आता है|
- गर्भावस्थामें अंतिम १-२ महिनोंमें सफेद पानी जादा चलता हो तब डॉक्टर को अवश्य दिखाए| हो सकता है भ्रूणकोश का पानी रिसता हो|
- किशोरावस्था में रजोदर्शनके पूर्व लडकी को योनीस्राव और दर्द हो तो डॉक्टरसे अवश्य संपर्क करे|
इलाज
प्राकृतिक और रोगरहित स्राव हो तब चिंता न करे| लेकिन साफसफाई ठीक रखे| जरुर हो तब डॉक्टरी जॉंच भी होनी चाहिये| यौन संक्रमक रोग की गुंजाईश हो तब डॉक्टरी सलाह बिलकूल जरुरी है| स्रावमें लाली हो तब शीघ्र जॉंच करनी चाहिये|
- केवल योनीदाह हो तब योनीमार्गमें गोलियॉं रखना पर्याप्त है| इसके लिये बहुगुणी गोलियॉं मिलती है| जरुरत हो तब एफ.एस.ए.३ गोलियोंका प्रयोग करे|
- योनीमार्ग में गोली रखनेका स्वयं तकनिक हर महिला को सीखना चाहिये| स्वयं इलाज करना आसान है| लेकिन आराम ना हो तब दो दिन के बाद बिना रुके डॉक्टर से जॉंचना चाहिये|
रोकथाम
यौन संक्रमण की रोकथाम के लिये सावधानी बरते| निरोध का प्रयोग जब जरुरी हो अवश्य करे| यौन संबंध के बाद पेशाब करनेसे संक्रमणकी संभावना उतनीही कम होती है|