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पुरस्थ ग्रन्थि में सूजन
hydrocele
पूरस्थ ग्रंथी की जॉंच| आजकल इसके लिये सोनोग्राफी अनिवार्य है|

बड़ी उम्र के पुरुषों को अक्सर कैंसर या किसी और वजह से पुरस्थ ग्रन्थि में सूजन की तकली फ हो जाती है। पुरस्थ ग्रन्थि के कैंसर की तुलना में कैंसर के बिना पुरस्थ ग्रन्थि का फैल जाना, जिसे बिनाइन एनलार्जमेंट ऑफ प्रॉस्टेट ग्लैंड (बी.ई.पी.) भी कहते हैं, काफी आम है। असल में इसमें पुरस्थ ग्रन्थि के ऊतकों में सूजन आ जाती है जिससे वो कड़े और बड़े हो जाते हैं। इससे इसमें से गुज़रने वाला मूत्रमार्ग दब जाता है।

निदान

पौरूष ग्रंथी के आकार में वृद्धी (बी.ई.पी.) होने पर पेशाब करने में मुश्किल होती है और कभी-कभी इससे पेशाब का बाहर आना पूरी तरह रुक भी जाता है। गुद्धा के रास्ते जाँच से इसके कारण का पता चल सकता है। दस्ताने से ढँकी एक चिकनी ऊँगली गुद्धा (मलाशय) में डालें। (चित्र में दिखाई गई स्थिति में जाँच करने में आसानी होती है और चिकनाहट के लिए साबुन जैसा कुछ ज़रूर चाहिए होता है।) ग्रन्थि किसी क्रिकेट कॉर्क बॉल या कच्चे आम की तरह बड़ी और सख्त महसूस होती है। बड़ी उम्र के लोगों में बी.ई.पी. के कारण यौन इच्छा पर व्यवहार कुछ ज्यादा हो जाता है। यह पुरस्थ ग्रन्थि में शोथ के कारण होता है। यह पुरस्थ ग्रन्थि को निकाल देने पर ठीक हो जाता है।

अत्यधिक शोथ होने पर पेट के निचले हिस्से में भयंकर दर्द होता है, बुखार हो जाता है; पेशाब गन्दला और बार-बार आने लगता है।

इलाज

पेट के नीचे के हिस्से में गर्म पानी या और किसी पैक का सेक करें। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि रोगी को गर्म पानी के टब में बैठने को कहा जाए। इससे आमतौर पर पेशाब करने में हो रही दिक्कत में आराम मिलता है। ऐसा पुरस्थ ग्रन्थि के ऊतकों के संकुलन के दूर हो जाने से होता है। स्थाई उपचार आपरेशन द्वारा पुरस्थ ग्रन्थि को निकाल देना ही है। यह या तो मूत्रमार्ग में से छोटा ड्रिल मशीन द्वारा किया जाता है या फिर उदर को खोलकर। ड्रिल-स्कोपी वाला आपरेशन रोगी के लिए ज्यादा आसान है क्योंकि इसमें ग्रन्थि किसी भी और अंग को नुकसान पहुँचाए बगैर निकाली जा सकती है। पुरस्थ ग्रन्थि का कैंसर काफी तेज़ी से बढ़ता है और हडि्डयों और फेफड़ों में पहुँच जाता है। पुरस्थ ग्रन्थि की शिकायत होने पर तुरन्त रोगी को किसी शल्य चिकित्सक के पास भेजें।

इलाज में एंटीबायोटिक दवाइयाँ जैसे कोट्रीमाक्साज़ोल या एमोक्सीसिलीन दी जाती हैं। साथ में खूब सारे पानी के साथ ऐस्परीन देनी चाहिए। डाक्टर को दिखाया जाना बेहतर है। ज्यादा से ज्यादा आप विशेषज्ञ के पास भेजने से पहले इलाज शुरु कर सकते हैं।

शुक्रकोश में शोथ

यह पेशाब के रास्ते इंफेक्शन और कभी-कभार खून के इंफेक्शन के कारण हो सकता है। इसका सबसे आम कारण सुजाक (गोनोरिया) है। टी.बी. या पीप पैदा करने वाले क्रोनिक इंफेक्शन चिरकारी शोथ से पेशाब की समस्याएँ हो सकती हैं। कई लोगों को यह डर लगने लगता है कि वे वीर्य बहा रहे हैं जबकि वो केवल पीप होती है।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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