sexual health यौन स्वास्थ्य जनन-मूत्र तंत्र
मास्टरस जोनसन तरीका

इस तरीके से इन समस्याओं का समाधान हो पाता है:

  • यौन साथी द्वारा हस्तमैथुन जोकि स्खलन से पहले ही रोक दिया जाता है।
  • शिश्न के सिरे को तीन उँगलियों में भींचना जिससे उत्तेजना कम हो जाए।
  • क और ख को 2 से 3 बार दोहराएँ।
  • कुछ दिनों तक क, ख और ग करने के बाद, अब ऐसे सम्भोग करें जिसमें महिला ऊपर हो।
  • कुछ दिनों तक करवट की स्थिति मुद्रा में सम्भोग करें और जितनी ज्यादा देर हो सके उतनी ज्यादा देर शिश्न अन्दर रहे।
  • इसके बाद सम्भोग करें जबकि पुरुष ऊपर हो। शुरुआत में खाने के तेल और बाद में ज़ाईलोकेन जैली से योनि और लिंग को चिकना करने की कोशिश करें। जैसे ही स्वाभाविक रूप से चिकनापन होने लगे, ये सब करना छोड़ दें।

दो साल से शादीशुदा एक जोड़े की यह शिकायत थी कि यसब कुछ बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और अन्दर जाने से पहले ही वीर्य बिखर जाता है। दोनों से अलग-अलग बात करने और दोनों की जाँच करने के बाद मुझे समझ आया कि पति को, जो कि केवल 20 साल का था, यौन क्रिया को लेकर डर था कि वो ठीक से इसे नहीं कर पाएगा। इस मामले में पत्नी ने उसे डाक्टरी सलाह लेने के लिए कहा था। वो अभी तक कभी योनि के अन्दर जा ही नहीं पाया था। तसल्ली देने, ठीक से चिकना करने, ज़ाईलोकेन से संवेदना कम करने, परेशान न होने की सलाह देने से उसका ध्यान अन्दर जाने के बाद क्रियापर से हट पाया। और उसकी समस्या सुलझ गई।

शिश्न ठीक से खड़ा न होना यह भी एक दिमागी समस्या है। किसी एक पुरुष में भी अलग-अलग समय पर लिंग कम ज्यादा उद्दीपन होता है। कम सोना, बहुत काम करना, शारीरिक व्यायाम न करना और यौन क्रिया अच्छा न लगना इसके मुख्य कारण हैं। उम्र बढ़ना लिंग के ठीक से खड़े न होने का एक सबसे आम कारण है।

वीर्य कम हो जाने का डर

कई पुरुषों को यह डर लगा रहता है कि उनका वीर्य कम होता जा रहा है और इससे वो यौनिक रूप से कमज़ोर होते जा रहे हैं। इसी तरह हस्तमैथुन को भी यौनिक कमज़ोरी का कारण माना जाता है। इस तरह की शिकायतों के दो तरह के कारण होते हैं। एक मूत्रमार्ग में काओपर ग्रन्थियों में से श्लेष्मा स्त्रावित होना। दूसरा पुरस्थ ग्रन्थि या शुक्र वाहिका थैलियों में संक्रमण जिनसे पीप निकलती है। मल के नीचे की ओर मलाशय में जाने से शुक्रवाहिका थैलियों पर दबाव पड़ता है और भिंच जाती हैं। इससे कुछ पीप मूत्र मार्ग में चल जाती है। दोनों कारण अलग-अलग हैं। एक सामान्य है और दूसरा असामान्य। पहले कारण में तो थोड़ा-सा समझाना ही काफी होता है। पर दूसरे वाले के लिए प्रतिरोगाणु दवाओं से इलाज ज़रूरी है। सोते-सोते स्खलन हो जाना भी सामान्य है, खासकर अगर लम्बे समय तक यौन क्रिया का मौका न मिला हो तो। जैसे घर से बहुत दूर रहने वाले मज़दूरों के मामले में। परन्तु पुरुष इसे कोई बहुत गम्भीर बीमारी मानते हैं। इस बीमारी से ठीक हो जाने की इच्छा से असल में समस्या और बढ़ सकती है।

अवसाद

मनौवैज्ञानिक अवसाद से भी यौन इच्छा में कमी आ सकती है।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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