योनि इतनी बड़ी होती है कि उसमें शिश्न आसानी से समा जाता है। बच्चे के जन्म के समय बच्चा भी। एक वयस्क महिला के लिए शिश्न के आकार के बारे में डर और नापसन्दगी के कारण कई सारे भ्रम होते हैं। वयस्क महिला के लिए ये डर फालतू में होते हैं। परन्तु कम उम्र में शादियाँ होना काफी आम है और कम उम्र की लड़कियों के मामले में यह डर सही होता है। छोटी उम्र में शादियों के कारण बहुत-सी लड़कियों में हमेशा के लिए सम्भोग को लेकर डर बैठ जाता है। क्योंकि जबकि लड़की की उम्र सम्भोग के लिए पर्याप्त नहीं होती उसके पति का लिंग वयस्क आकार का होता है।
कई जोड़ों को यह नहीं पता होता कि महिला के योनिच्छेद के फटने के बाद ही लिंग योनि में घुस सकता है। इस प्रक्रिया में महिला को काफी दर्द होता है। ये दर्द आमतौर पर एक या दो दिन चलता है। लिंग के पूरी तरह अन्दर न जाने के कारण भी योनिच्छेद साबुत रह सकता है। हम योनिच्छेद की जाँच भी कर सकते हैं। जोड़ों को इस समस्या के बारे में जानकारी दें।
सम्भोग के समय योनि में से स्राव (चिकना करने वाले पदार्थ) न निकलने पर सम्भोग के समय महिला को दर्द होता है। ऐसे में वो लिंग को अपने अन्दर घुसने देने से रोकती है। चिकनाई में कमी होने के कारण पुरुष को भी अन्दर जाने में मुश्किल होती है। अगर योनि का ऐसे सूखा रहना डर या नापसन्दी के कारण है तो जोड़े को सलाह की ज़रूरत होती है। अगर स्राव न निकलना किन्हीं प्राकृतिक कारणों से है योनि और लिंग में कोई खाने का तेल लगाने से फायदा होता है।
कभी-कभी महिला को सम्भोग के दौरान दर्द होता है। इसे कष्टमैथुन कहते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए कारणों की जाँच करें:
पुरुषों जैसे महिलाओं में भी किसी भी तरह की हारमोन सम्बन्धी गड़बड़ी से यौन इच्छा में कमी आ जाती है।
कभी-कभार योनि के रास्ते में रसौली होने या फिर गर्भाशय भ्रंश के कारण भी योनि का रास्ता बन्द हो सकता है।
शारीरिक समस्याओं के अलावा कई मनोवैज्ञानिक समस्याएँ भी हो सकती हैं। एक आदमी ने मुझे बताया कि उसकी एक पत्नी है और एक दोस्त। रात को वो आमतौर पर पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता है और एक दोस्त के साथ दिन में। उसे दोनों बार लिंग के खड़े होने में थकावट होती है। शादी से बाहर के सम्बन्ध के उसके जो भी कारण रहे हों, नियमित रूप से ठीक से व्यायाम करने, ठीक से खाने-पीने और शराब व धूम्रपान पर नियंत्रण से उसकी शिकायत दूर हो गई।
पुरुषों की कई सारी समस्याओं के लिए नामर्दगी शब्द का इस्तेमाल कर दिया जाता है: जैसे जल्दी स्खलन, लिंग का खड़ा न होना, पुरुष बन्ध्यता, और तथाकथित वीर्य का खत्म हो जाना। जीवन की शुरुआत से ही पुरुष मर्दाना यौन इच्छा बढ़ाने, लिंग को ज्यादा देर खड़ा रख पाने और मर्दानगी बढ़ाने के लिए दवाओं की खोज में रहा है। ऐसा दावा किया जाता है कि कुछेक जड़ी बूटियों, गैण्डे के सींग और आजकल वियाग्रा से यह सब हो सकता है। हर साल इस उद्योग के लिए बहुत से प्राणियों को मारा जाता है। यौन इलाज के रूप में वियाग्रा ने काफी तहलका मचाया है। इसमें लिंग को देर तक खड़ा रख पाने की क्षमता तो है पर यह काफी महँगी है। और इसके साथ प्रतिकूल असर भी हैं। बूढें लोगों में इससे उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे का खतरा होता है।
कुछ महिलाओं को यौन सम्बन्ध से डर की समस्या होना है। कई औरतों में यौन सम्बन्ध का लेकर डर बैठ जाता है और वो लिंग को अन्दर जाने देने से रोकती हैं। अक्सर ऐसा किसी पुराने बुरे अनुभव, जैसे परिवार के किसी सदस्य द्वारा बचपन में जबर्दस्ती किए जाने के कारण होता है। यौन रोगों का डर भी इस डर का एक जायज़ कारण है। बचपन में शादी कर देना बहुत ही जघन्य है और यह भी यौन सम्बन्ध से अरुचि का एक आम कारण है। एक शादी बिलकुल टूटने के कगार पर थी क्योंकि पत्नी (जो असल में 15 साल की बच्ची थी) ने पहली रात से ही पति को अपने साथ शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने दिए थे। उसे यह पूरी चीज़ दर्द करने वाली और बेहद बुरी लगती थी। मैं उससे यह नहीं पता कर पाया कि कहीं उसके साथ पहले कभी किसी ने जबर्दस्ती तो नहीं की थी। परन्तु उसे यह बताने से कि इसमें कुछ बुरा नहीं है और वो चिकना करने वाला पदार्थ इस्तेमाल कर सकती है, फर्क पड़ा।
एक और घटना में एक पति-पत्नि और साथ में दोनों के माँ-बाप मेरे क्लीनिक में आए। दोनों एक-दूसरे पर यौनिक रूप से अक्षम होने का आरोप लगा रहे थे। दोनों की जाँच करने पर मैने पाया कि दोनों में से किसी में भी कोई कमी नहीं थी। लड़की इस शादी से नाखुश थी इसलिए उसने अपने माँ-बाप से यह कह दिया था कि लड़का पूरा मर्द नहीं है। मैंने कुछ बिचौलियों की मदद ली और उनसे बातचीत करने की कोशिश की। इस सब में काफी समय लगा और आखिर में वो शादी टूट गई क्योंकि लडका ने ऐसी लड़की के साथ रहने से मना दिया जो उसके साथ नहीं रहना चाहती थी। एक और घटना में एक पत्नी चूमने और आलिंगन के आगे शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाना चाहती थी। यहाँ कारण एड्स का डर था। यह डर एकदम सही है। मैंने इस जोड़े को 3 से 4 महीनों तक कण्डोम का इस्तेमाल करने और दोनों का एचआईवी टेस्ट करवाने को कहा। इससे पूरा मुद्दा सुलझ गया। दोनों में से एक को भी एड्स या कोई भी और यौन रोग नहीं था।
पुरुषों में सम्भोग के समय अच्छा प्रदर्शन कर पाने का डर जल्दी स्खलित होने का प्रमुख कारण होता है। ऐसा आमतौर पर यौन क्रिया के बारे में गलत सोच आत्मविश्वास के अभाव से तथा महिला की अपेक्षाओं को लेकर डर के कारण होता है। बहुत से लड़के हस्तमैथुन करते हैं। यह एकदम स्वाभाविक प्रक्रिया है। पर उन्हें बाद में लगने लगता है कि इससे उनकी शक्ति कम हो जाती है।
ऐसे पुरुषों को तसल्ली और जानकारी देना और थोड़ी-सी मदद करना ही काफी होता है। एक आसान तरीका है अन्दर जाने से पहले शिश्न पर ज़ाईलोकैन जैली लगाना। जिससे कुछ मिनटों के लिए शिश्न की संवेदना कम हो जाती है। इन कुछ मिनटों में स्खलन नहीं हो पाता क्योंकि मस्तिष्क को शिश्न से कामोन्माद के लिए सूचना नहीं मिलती।