nutrition-science पोषणशास्त्र
जंगरोधक उर्फ अँटी ऑक्सिडंट
Antioxident

अद्रक, हलदी, निंबू, लहसून और प्याज भी
शरीर में जंगरोधक के नाते काम करते है

Antioxident

प्याज एक सस्ता
जंगरोधक खाद्यान्न है

जीवसृष्टी के लिये प्राणवायू आवश्यक है| किन्तु शरीर में प्राणवायूसे कुछ नुकसान भी होता रहता है| लोहे में जंग लगता है| वैसेही शरीर के पेशीद्रव्यमें भी एक किस्मका जंग लगता है| प्राणवायू एवं तत्सम मूलद्रव्योंसे जंग लगनेकी प्रक्रिया होती है| जंग लगनेवाले तत्व अन्न तथा वातावरणसे भी आते है| अत: शरीर के पेशी द्रव्यों में जंग लगता है और बुढापा आता है| जंग लगने की इस प्रक्रिया को पूर्णत: टाला नही जा सकता लेकिन हम उसकी गति अवश्य कम कर सकते है|
इस जंगकारक प्रक्रिया से मधुमेह, मूत्रपिंडविकार, दमा धमनीयों का सख्त होना, अतिरक्तचाप, हृदयविकार, कॅन्सर, स्मृतीभ्रंश, लकवा, कंपवात, संधीवात, मोतीयाबिंद आदि अनेक बिमारियॉं हो सकती है| इसके कारण कॅन्सर भी हो सकता है| शरीर की पेशियोंमें कुछ जंग लगनेवाले तत्त्व निर्माण होते रहते है| अपना शरीर अपने आप कुछ जंगरोधक मूलद्रव्य तय्यार भी करता है| कुछ जंगरोधक तत्त्व शरीर के कुल द्रव पदार्थ में घुमते रहते है| इन दोनो प्रकारों में तेल में तथा पानीमें घुलनेवाले जंगरोधक तत्त्वों की आवश्यकता होती है|

जंगकारक तत्त्व

महत्त्वपूर्ण जंगकारक तत्त्व इस प्रकार है| धूम्रपान, मद्यपान, मसाले, शक्कर, नमक, किरणोत्सर्जन, ओझोन वायू, सिसा या पारा ये भारी धातू, कीटकनाशक, औद्योगिक जहरीले पदार्थ, अति कसरत करना, चरबीयुक्त आहार होना आदि| मोटापें में मूलत: अपनी चयापचयन क्रियासे जंगकारक पदार्थ निर्माण होते है| उसी प्रकार वसा से ऊर्जा निर्माण करते हुएभी जंगकारक तत्त्व निर्माण होते है| इसिलिये मूलत: मोटापा टालना आवश्यक है| वैसे ही भावनिक तनावों के चलते जंगकारक रसायन तैयार होते है|

जंगरोधक पदार्थ
Tomatoes

टमाटर ही व्हिटामिन ए, बी
और जंगरोधक तत्वोंका भंडार है

Lemon

नींबू जंगरोधक होने के साथ
संक्रमण प्रतिरोधी शक्ती भी है

  • हमारे शरीर को सीमित मात्रा में ही सही जंगरोधक तत्त्वोंकी आवश्यकता होती है| इनमेसे कुछ हमारे शरीर में तैयार होते है तो कुछ हम बाहरसे ले सकते है|
  • शरीर का युरीक ऍसीड कुछ मात्रा हमारे खून में ही होती है|
  • विटामिन ‘ए’ टमाटर, गाजर, कोला, दूध, मख्खन, यकृत, मछली, अंडे आदि पदार्थोंमें होता है|
  • विटामिन ‘सी’ अमरुद, आँवला, निंबू, संत्रा, आलू, फूलगोभी, पालक, टमाटर तथा यकृत में होता है|
  • ‘ई’ विटामिन वनस्पती तेल, बादाम, शकरकंद, सुरजमुखी तेल, अंकुरित अनाज, लसन आदि पदार्थोंमें मिलता है|
  • सेलेनियम खनिज तत्त्व मुख्यत: समुद्री अन्न तथा कुछ अनाजों में होता है|
  • पत्तेदार सब्जियों तथा फलों में कुछ जंगरोधक तत्व होते है|
  • शरीर को तनावरहित आराम और नींद से जंगरोधक तत्व मिलते है|

Garlic

लहसून में संक्रमणविरोधी गुण है

Carrot Vegetables

गाजर भी एक अँटीऑक्सीजंट याने
जंग रोधक जैविक खाद्यान्न है

विशेष सूचना
  • पानी में निंबू निचोडकर पीने से जंगरोधक पदार्थ मिलता है| इसिलिये कसरत के पश्चात निंबू पानी पीना अच्छा है|
  • अति व्यायाम जंगकारक तत्त्व निर्माण करता है| इसके विपरीत सौम्य व्यायाम जंगरोधक तत्व निर्माण करता है|
  • कुछ जंगरोधक पदार्थ अब बिमारियों के इलाज हेतु प्रयोग किये जाते है|
  • अपने दैनंदिन आहार – व्यवहार से हम जंगकारक तत्व कम करे और जंगरोधक तत्व अधिकाधिक प्राप्त करे| सकते है| यही स्वस्थ जीवन का मुख्य सूत्र है|

जंगरोधक उर्फ अँटी ऑक्सिडंट लघु लेख

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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