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मस्तिष्क-आवरण शोथ और मस्तिष्क शोथ

मस्तिष्क के ऊपर के कवर (मस्तिष्क आवरण) में शोथ होने को मस्तिष्क-आवरण-शोथ कहते हैं। एनकेफायलाटीस खुद मस्तिष्क का ही शोथ है। दोनों में लगभग एक ही तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए इन्हें यहाँ साथ-साथ दिया जा रहा है।

मस्तिष्क आवरण शोथ
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करोटी अन्तराल की सूज जॉंचना

मस्तिष्क आवरण शोथ आम तौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है (कभी-कभी वायरस के संक्रमण से भी)। यह छूत कान, फेफड़ों, श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग या प्राथमिक तपेदिक से होता है। यह बीमारी बच्चों में ज्यादा आम है पर बड़ों में भी हो सकती है।

मस्तिष्क आवरण शोथ का सबसे आम कारण कान में छूत होता है। कभी-कभी कोई भी प्राथमिक बीमारी नहीं होती और मस्तिष्क आवरण शोथ अपने आप ही शुरू हो जाता है। तपेदिक वाला मस्तिष्क आवरण शोथ शरीर में कीटाणुओं के इकट्ठे हो जाने के कारण होता है, जैसे कि प्राथमिक तपेदिक में। बीसीजी के टीके के कारण अब ये बहुत ज्यादा नहीं होता।

मस्तिष्क शोथ

मस्तिष्क शोथ वायरस के संक्रमण के कारण ज्यादा होता है। ये या तो किसी एकाध व्यक्ति में होता है या महामारी के रूप में होता है। फालसीपेरम मलेरिया से भी मस्तिष्क शोथ-सा हो जाता है। वायरस से होने वाला मस्तिष्क शोथ कई एक संक्रमणों के कारण हो सकता है। जापानी मस्तिष्क शोथ वायरस से होने वाली एक बीमारी है जो एडिस मच्छर से फैलता है (एडिस मच्छर में यह वायरस सुअर से आता है)। इसलिए इस बीमारी की रोकथाम के लिए सुअरों पर नियंत्रण और मनुष्य के मलमूत्र के उचित निष्कासन की ज़रूरत होती है। मच्छरों की रोकथाम और मच्छरदानियों का इस्तेमाल भी महत्वपूर्ण उपाय हैं। जिन जगहों पर फालसीपेरम मलेरिया का प्रकोप हो वहाँ इस बीमारी की जाँच ज़रूर कर लेनी चाहिए।

लक्षण

मस्तिष्क आवरण शोथ यह एक गम्भीर बीमारी भी हो सकती है । यह चिरकारी तभी होती है जब यह तपेदिक से हुई हो। गम्भीर रोग के मुख्य लक्षण हैं बुखार, अवसादन, उलटी, चिड़चिड़ापन, बोलने व बरतने में बदलाव। इसमें दौरे भी पड़ सकते हैं और बेहोशी भी हो सकती है। बच्चों में बहुत रोना और खानापीना न लेना अतिरिक्त लक्षण हैं। सिर में दर्द एक आम लक्षण है। सिर्फ बच्चों में इसका पता नहीं चल पाता क्योंकि वो बता नहीं सकते।

गर्दन अकड़ना और करोटी अन्तराल का सूज जाना

Gardan Dard गर्दन में अकड़न मस्तिष्क आवरण शोथ का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। बच्चों में सामने का करोटी अन्तराल अगर खुला हो तो पानी से भरा और तना होता है। तपेदिक वाले मस्तिष्क आवरण शोथ में ये सभी लक्षण मौजूद होते हैं हालाँकि ये इतने साफ नहीं दिखाई देते हैं जितने कि गम्भीर बीमारी में। मस्तिष्क शोथ में दौरे पड़ते हैं और बेहोशी आती है। सही निदान और निष्कर्ष प्रमस्तिष्क मेरु-द्रव की जाँच से ही होता है।

इलाज

समय से अस्पताल पहुँचाना सबसे ज्यादा ज़रूरी है। किस तरह के जीवाणु से रोग हुआ है उसके अनुसार ही दवा तय की जाती है। याद रखें कि फालसीपेरम मलेरिया भी इस रोग के कारणों में से है। ऐसे में ACT एक अच्छी कारगर इलाज है।

वायरस के अलावा सभी तरह के मस्तिष्क व मस्तिष्क आवरण शोथ में समय से निदान और इलाज अच्छा फायदा होता है। वायरस से होने वाली बीमारी या तो खुद ठीक हो जाती है या इससे मौत हो जाती है। अगर इलाज न हो तो इन बीमारियों में कुछ दिनों के अन्दर मौत निश्चित होती है। इस रोग से बचकर निकल पाने के बाद मानसिक आसार होना सम्भव है। ऐसे रोगियों में बिना सोचे समझे लवण विलयन चढ़ाने से भी मौत हो सकती है क्योंकि इसमें पहले से ही मस्तिष्क में द्रव की चाप ज्यादा होती है।

मस्तिष्क में फोड़ा

फोड़ा जैसा हमें त्वचा पर दिखाई देता है, मस्तिष्क में भी हो सकता है। यह पीप पैदा करने वाले बैक्टीरिया या तपेदिक के बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके लक्षण इतने स्पष्ट नहीं होते जितने मस्तिष्क आवरण शोथ या मस्तिष्क शोथ के। किस जगह पर फोड़ा हुआ है और उसका मस्तिष्क के काम पर कितना असर है यह केवल एक विशेषज्ञ ही तय कर सकता है। आधुनिक निदान की तकनीकों जैसे सीटी और एमआरआई -स्कैन से फोड़ा की सही जगह का पता चलाया जा सकता है। सिरदर्द, उल्टियाँ और कोई अंग ढीला हुआ हो या उसका दौरा पड़ने से आशंका लेना चाहिए।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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