कॅन्सर
कॅन्सर जल्दी पहचाने
१. मुँह और जबान
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६. आँख
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२. गला और स्वरयंत्र
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७. बिजांड
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३. श्वसनीय फेफडे
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८. गर्भाशय ग्रीवा
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४. जिगर
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९. स्तन
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५. जठर
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दोस्तों अब हम कॅन्सर याने अर्बूद जल्दी पहचाननेके लिये कुछ जानकारी लेंगे| यह जानकारी अपने मित्रपरिवारमें भी फैलायें| जल्दी रोगनिदान होने से इलाज जादा अच्छे हो सकते है|
- कॅन्सर आमतौरपर वयस्कोंमें होता है| लेकिन कुछ कॅन्सर कम उम्रमें भी जैसे की खून का कॅन्सर हो सकते है|
- बिना किसी कारण के अरुची और वजन घटना कॅन्सर सूचक हो सकता है|
- निस्तेजता, अरक्तता और कमजोरी यह भी कॅन्सरके लक्षण हो सकते है|
- बदन मे कहींभी सख्त गिल्टी कॅन्सर सूचक हो सकती है|
- खॉंसी थूँकमें खून का होना टी.बी. या कॅन्सर का संकेत हो सकता है|
- जॉंघ, बगल या गर्दन में वेदना रहित सख्त गिल्टीयॉं हो तब ये कॅन्सरजनित हो सकता है|
भारत में मुँह, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, जठर-अमाशय और फेफडोंके कॅन्सर जादा पाये जाते है| ये सारे कॅन्सर हम जल्दी पहचान सकते है| लेकिन यकृत या प्रॉस्टेटजनित कॅन्सर भीतर होनेसे समझनेमें देरी लगती है|
मुख और गलेके कॅन्सर के लक्षण
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मुँह में अंदरुनी कॅन्सर |
तमाखू और गुटखा खानेवालोंको मुख का कॅन्सर हमेशा संभव है| ऐसी व्यक्तीको सावधानी बरतना चाहिये|
मुँह में गाल, जबडा या मसुडोंसे जुडा हुआ चिरकालिक छाला, गिल्टी या चकता संभवत: कॅन्सरसूचक मानना चाहिये|
गाल और जीभ के कॅन्सर के कारण बोलने में कठिनाई और बदलाव होते है|
कॅन्सर के चकते फीके या लाल होते है| कभी कभी इसमें दर्द भी होता है|
खाना निगलते समय गले में दिनोदिन अटकाव महसूस होना कॅन्सर सूचक मानना चाहिये|
स्वरयंत्रसे संबंधित कॅन्सर के कारण
आवाज खराशित होता है| लेकिन यह लक्षण दो हफ्तेसे जादा हो तभी सोचे|
वक्ष के कॅन्सरसे जुडे लक्षण
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स्तन की स्वयं परीक्षा |
अपने स्तनमें हाथ को कोई गांठ या गिल्टी लगती है? इसलिये प्रतिमास एक बार आपके हाथ से दोनो वक्ष-स्तन ठीक से टटोले| लेकिन ऐसी हर कोई गांठ – गिल्टी कॅन्सर नहीं होती| इसलिये डरे नहीं, लेकिन डॉक्टरसे अवशय मिले|
इसी तरह दोनो बगलमें गिल्टी के लिये नियमित रूप से जांच करे|चालीस वर्ष उम्र के बाद मॅमोग्राफी टेस्ट कराना उपयोगी है|
पाचनसंस्थावाले कॅन्सर के लक्षण
- अन्ननलिका में या ग्रासनलिका में खाना अटकना कॅन्सर सूचक समझे|
- बिना भोजन के ही पेट भरे रहने की भावना लंबे अर्से हो तब जठर के कॅन्सर के बारेमें सोचना चाहिये|
- मलविसर्जन की आदते बदलना, मलावरोध या टट्टीमें खून गिरना संदेह जनक है|
- पीलीया के साथ सफेद टट्टी होती है तो जिगर का कॅन्सर या पित्तमार्ग में कोई अटकाव संभव है|
- उदर में सख्त गोला या गांठ हाथ लगे तब कॅन्सर के लिये अवशय टेस्ट करें|
प्रजनन और मूत्रसंस्थासे जुडे कॅन्सर के लक्षण
- वयस्क पुरुषोंमें शिश्न मुंड पर गांठ या चिरकाली छाला हो तब सावधानी बरतनी चाहिये|
- पेशाब के समय अंदरुनी अटकाव अनुभव हो तब कॅन्सर की आशंका रखनी चाहिये|
- अंडकोश की सख्त सूजन भी कर्करोगजनक हो सकती है|
- महिलाओंमें माहवारी के अलावा रक्तस्त्राव गर्भाशय कॅन्सरसे जुडा हो सकता है|
- गर्भाशय ग्रीवा को उंगली लगानेपर कोई गांठ या खरदुरापन लगनेपर उचित टेस्ट कर लेना चाहिये|
- महिलाओंमें गर्भाशय ग्रीवा कॅन्सर के शीघ्र निदान के लिये नियमित रूपसे पॅप टेस्ट या शिलर आयोडिन टेस्ट करना उचित होगा|
- महिलाओंको उदरमें गांठ या अन्य गोला हाथ लगता हो तो डिंबग्रंथी का कॅन्सर या और कोई वजह हो सकती है|
खून के कॅन्सर के लक्षण
बहुत अधिक मिर्च खाने की आदत से पेट का कैंसर हो सकता है क्योंकि इससे अमाशय की अंदरूनी परत शोथ ग्रस्त हो जाती है। इसी तरह से शराब पीना लिवर के कैंसर से जुड़ा है। इसी तरह से खान पान की खराब आदतों के कारण बड़ी आंत का कैंसर हो सकता है।
खून के कॅन्सर के कारण बदनमें जगह जगह पर रक्तस्त्राव होता है, जैसे की मसुडोंसे, त्वचा के निचे, खॉंसी या उल्टी में खून हो| ऐसे मरीज को काफी थकान और निस्तेजता होती है, गर्दन तथा जांघ और बगलमें गिल्टीयॉं आती है|
समय समय बुखार और खॉंसी चलती है| इसका कारण प्रतिरोध या रोगक्षमता घटनेसे होनेवाले संक्रमण है|
सुझाव
- धूम्रपान यह एक घातक कॅन्सरजनक आदत है| इससे खुद का और परिवार का भी बडा नुकसान होता है|
- कॅन्सर जितना जल्दी पहचाने उतना इलाज जादा आसान होता है| इसलिये वयस्कोंमे कॅन्सर के लक्षण हमेशा ध्यानमें होने चाहिये|
- कोई आशंका हो तो डॉक्टरसे मिले|
- डॉक्टरी सलाह के अनुसार उचित समय कॅन्सर के लिये अपनी टेस्ट करा ले|
- कॅन्सर का इलाज खर्चिला होता है| हो सके तो मेडिकल इन्शुरन्स पहलेसे होना फायदेमंद है|
- पुरुषोंने स्नान के समय शिश्नमुंड हररोज साबुन पानीसे साफ करना जरुरी है| अन्यथा यहॉं जमनेवाली सफेद परत कॅन्सरजनक विषाणूओंको बढावा देती है| सुन्नत करनेसे यह समस्या सदा के लिये हल होती है| इसी से औरत का गर्भाशय ग्रीवाका कॅन्सर भी टल सकता है| मुस्लिम समुदायमें सुन्नत के कारण स्त्री-पुरुष प्रजनन संस्थानके कॅन्सर काफी कम हुआ करते है|