femaleurine system महिला प्रजनन तंत्र पुरुष प्रजनन तंत्र
महिला प्रजनन तंत्र

female reproductive system महिलाऍ अपने स्वास्थ्य, खासतौर पर प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य, स्वछता और बीमारियों को नज़रअंदाज़ करती है, जिसका परिणाम लम्बे समय बाद गंभीर हो जाता है। महिलाओं अक्सर पहले परिवार की देखभाल की प्राथमिकता में अपना ख्याल नही रख पाती है यही लापरवाही है, महिलाओं की कमजोर सामाजिक स्थिति, गरीबी, अस्पतालो में स्त्री रोग चिक्त्सिको और संबंधित सुविधाओ की कमी, और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों में इन बीमारियों के लिये जरूरी कौशल ओर जानकारी की कमी आदी कारण होते है। अक्सर आसान सी जांच के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं रहतीं। महिलाओ भी यौन अंगो की बीमारियों के बारे में पुरुष डॉक्टरों से बात नहीं करना चाहतीं।

urine system राष्ट्रीय एम,सी,एच कार्यक्रम तक में मात़त्व स्वास्थ्य (गर्भवती महिला) पर ज्यादा केंद्रीत किया है,। समग्र स्त्री रोग चिकित्सा कुछ कम ही है। घरों में भी अकसर महिलाऍ इन बीमारियों से संबंधित शिकायतों पर ध्यान नहीं देतीं या बात करने में झिझकतीहै, क्योंकि उन्हें पता है, उनके परिवार के सदस्य इन्हें गंभीरता से नहीं लेंगे। सफेद पानी जाना, माहवारी की समस्याएं, श्रोणी या पेड़ू के शोथ की बीमारियाँ, और बच्चे के जन्म के बाद कमर दर्द की समस्याएं काफी आम हैं । जनन अंगों की बनावट और उनके शरीर विज्ञान की बात करने में पढे लिखे लोग तक हिचकिचाते हैं। फिर उनकी तो बात ही क्या करें, जिन्हें औपचारिक शिक्षा हासिल करने का कोई मौका ही न मिला हो। इस कारण से शिक्षितअश्लील साहित्य और फिल्मों द्वारा गलत सलत जानकारी को सही मान कर और अनपढ पंरम्परागत धारणाओ पर विश्वास कर उसे आत्मसात कर लिया जाता है। इन रोगों के संबंध में सही और समय से मिली जानकारी से बहुत सी परेशानियों से बचा जा सकता है।

जनन तंत्र विज्ञान

महिला प्रजनन तंत्र  दो  भागों का बना होता है:
बाह्रय जनन अंग
स्त्री के शरीर में बाहय जनन अंग में मुख्यत निम्नलिखित भाग होते है।
1 भग्नाश्य, 2 तीन द्वार; मुत्र द्वार, योनी द्वार और गुदा द्वार, 3 कौमार्य क्षिल्ली, 4 भगशिश्न या योनी लिंग (क्लाइटोरिस), 5 पेरिनियम
आंतरिक जनन अंग
1 योनी, 2 ग्रीवा, 3 गर्भाशय, 4 डिंबवाहीनी  नली (फैलोपियन टयूब) और अण्डाशय या डिंबाश्य

भग्नाशय (वल्वा)
female external reproductive system
स्त्री प्रजनन तंत्र का बाहरी हिस्सा

यह जनन तंत्र का बाहरी हिस्सा है। यह ज्यादातर त्वचा, की दोहरी परतो (तहो) से बनी होती है। और साथ में सहारा देनी वाली पेशियों और ग्रंथियों का बना होताहै। इस हिस्से का मुख्य काम यौनिक है। यानि संभोग के समय शिशन और वीर्य को समाहित करना। इस हिस्से में खूब सारी तंत्रिका तंतु होते हैं। इसलिए यह यौन उत्तेजना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण काम करता है। यौन क्रिया में भगशिश्निका खासतौर पर काफी सक्रिय होता है। ठीक वैसे ही जैसे पुरुषों के शिशन में ग्लैन। भग महिला जननेन्द्रियों का वो हिस्सा है जो बाहर से दिखाई देता है। योनि मुख को दोनों ओर से सुरक्षित करने के लिए इसमें त्वचा की छोटी और बड़ी होंठ जैसी आकृतियाँ होती हैं। मूत्रमार्ग क्लिटोरिस के ठीक नीचे भग के ऊपर खुलता है।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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