disease science लक्षणों से बीमारियों तक रोग विज्ञान
ऊतकविकृति जाँच (एचपीई)

कई बार कुछ बीमारियों का निदान ऊतकों की जॉंच करके किया जाता है। ऊतक या तो आपरेशन करके निकाले जाते हैं या फिर सुई जीवऊति परीक्षा (बायोप्सी) द्वारा। बायोप्सी में चुने हुए ऊतकों बीमारी के निदान के लिए निकाले जाते हैं। ऊतकविकृति जॉंच (एचपीई) का इस्तेमाल सबसे आमतौर पर डी ऊँड सी आखुरण में गर्भाशय अस्तर की जॉंच के लिए होता है। इसके अलावा लसिका ग्रन्थियों को भी इस जॉंच के लिए निकाला जाता है। बाहर निकाले गए खराब अंगों जैसे गर्भाशय या कैंसर ग्रस्त अंगों की एचपीई से हमें बीमारी के प्रकार और अंगों में आए बदलाव के बारे में पता चलता है। लीवर के फोड़ों, मस्तिष्क के फोड़ों और ग्रन्थियों के तपेदिक की जॉंच के लिए सुई द्वारा बायोपास उपयोगी होती हैं।

गुहान्त दर्शन (एन्डोस्कोपी)

गुहान्त दर्शन आन्तरिक अंगों को सीधे एक ट्यूब की मदद से प्रत्यक्ष देखने की तकनीक है। इन खास तरह की ट्यूब पर लैंस और लाईट फिर रहते हैं। एन्डोस्कोपी के उदाहरण हैं श्वसनी दर्शन या ब्रोंकोस्कोपी (जो श्वसन तंत्र में कैंसर या बाहरी तत्त्वों की जॉंच के लिए की जाती है), जठर दर्शन या गैस्ट्रोस्कोपी (जो आमाश्य में अल्सर या किसी तरह की वृद्वि के लिए की जाती है), या अंदरूनी उदर दर्शन या लैपरोस्कोपी (जो पेट की गुहा की जॉंच के लिए होती हैं), संधिदर्शन या आरथ्रोस्कोपी (जो जोड़ों की जॉंच के लिए होती है), और मूत्राशयदर्शन या सिस्टोस्कोपी (जो पेशाब की थैली की जॉंच के लिए होती है),गुहान्त दर्शन शल्य चिकित्सा के लिए भी उपयोगी होता है। इसका इस्तेमाल सॉंस की नली या श्वसनी में से बाहरी तत्व निकालने, रसौली की बायोप्सी, पुरस्थ ग्रंथि या पेशाब की थैली में से पथरी को निकालने और नलिकाबन्द में करने है।

इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)
electrocardiogram heart health
दिल के स्वास्थ्य के लिये इलेक्ट्रोकार्डिओग्राम

इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम दिल की बीमारियों का जानने के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। दिल द्वारा निर्मित विद्युतीय बदलावों को इसीजी एक ग्राफ पर (कागज़ या पर्दे) बना लेता है। अगर दिल के कोई ऊतक मर गए हों या फिर दिल में किसी क्षेत्र में खून न पहुँच रहा हो पता ईसीजी से चलाना है। दिल के ऑपरेशन या इलाज के समय जब दिल की स्थितिकी लगातार जॉंच करनी होती है तक ये तकनीक बेहद उपयोगी रहती है। आई सी यू में इसका बराबर उपयोग करते है।

विद्युत मस्तिष्क लेखन या इलैक्ट्रोइन्केफैलोग्राम (ईईजी)

इस तकनीक का इस्तेमाल मस्तिष्क से आने वाली विद्युत उद्दीपनों को रिकॉर्ड करने के लिए होता है। ये मिर्गी के निदान के लिए उपयोगी होती हैं। इकोकार्डियोग्राफ हृदय में खून का अंदरुनी प्रवाह कैसे चलता है इसका चित्रण है। दिल और उसके विभिन्न हिस्सों की क्षमता इससे जॉची जाती है। इसके अलावा आधुनिक चिकित्सा में कई सारे तकनिक और उपकरण इस्तेमाल होते है। कुछ हदतक इनका विवरण अलग अलग अध्यायों में दिया है।

एन्जिओग्राफी
anjiyografi
एन्जिओग्राफी याने हृदय की धमनियों का फोटो

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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