बीमार व्यक्ति को देखते ही कुछ लक्षण/चिन्ह तो एकदम से ही दिखाई दे जाती हैं। लाल आँखें, पीलिया, ज़ोर का दर्द, दमा, गम्भीर -खून की कमी?, सूजन, अस्वाभाविक हिलना-डुलना वजन घटना (किसी परिचित व्यक्ती में) आदि का देखते ही पता चल जाता है। बीमार व्यक्ति से सवाल पूछकर या शारीरिक जॉंच करके हम और जानकारी हासिल कर सकते हैं, या फिर जो आपको दिखा वो भी पक्का कर सकते हैं।
परन्तु अक्सर ठीक जॉंच न करने से बीमारियों का पता नहीं चल पाता है। इस भाग में हम बीमारियों के लिए शरीर के विभिन्न भागों से या पूरे शरीर से सम्बन्धित शारीरिक जॉंच करने के तरीके जानेंगे।
आँखों की जॉंच हर किसी मरीज में जरुर है |
सामान्य जॉंच में आपके इलाके में आमतौर पर होने वाली बीमारियों के लक्षण देखना जरुरी होता है। स्वास्थ्य सम्बन्धी महत्वपूर्ण कारकों जैसे नाड़ी, तापमान आदि की जॉंच शामिल होती है। आमतौर पर नीचे दी गई जॉंच योजना ठीक रहेगी।
रक्तदाब जॉंचना सामान्य जॉंच का एक हिस्सा है |
शुष्कता के लिये जीभ या आँखों (अन्दर धॅंसी हुई हैं?) की जॉंच करें। त्वचा में शुष्कता से झुर्रियॉं है? या चमडी की चुटकी लेकर उठायिएँ | यह छोडने पर देर से वापस आना शुष्कता का निर्देशक है। (ध्यान रखें कि बुढ़ापे में त्वचा मुड़ने पर जल्दी वापस अपनी जगह पर नहीं आती)।
विभिन्न अंगों से सम्बन्धित सामान्य जॉंच के बाद हमें बाधित अंगोपर ध्यान देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर उलटी, दस्त और पेट के दर्द में आँत्रशोथ होने की सम्भावना की जॉंच करनी पड़ेगी। इसी तरह खॉंसी होने का अर्थ है कि ये श्वसन तंत्र से सम्बन्धित है। और औरतों में सफेद पानी जाने की शिकायत होने पर उसके जनन अंगों की आन्तरिक जॉंचकी ज़रूरत होती है।
आईए निदान मार्गदर्शक से शुरूआत करें। पता करने का क्रम बताए गए लक्षणों के आधार पर होता है। हमेशा ऊपर से शुरूआत करें।