tantrika tantra मानसिक स्वास्थ्य मस्तिष्क/तंत्रिका तंत्र
मानसिक स्वास्थ्य
spells-witchcraft
मंत्र तंत्र जादू टोना आदी भी बेकार है

मानसिक अस्वास्थ्यता दुनियाभर में एक बडी समस्या है। मानसिक रोगों से ग्रस्त लोगों को शारीरिक रोगों से ग्रस्त लोगों के तुलना में कम सहानुभूति और देखभाल मिल पाती है। आचरण और व्यवहार में गड़बड़ियों और छोटी मोटी मनोवैज्ञानिक बीमारियों के रोगीयों का अक्सर दूसरे लोग मज़ाक ही उड़ाते हैं। मानसिक बीमारियों के प्रति हमें अपना रवैया बदलना चाहिए। ये बीमारियॉं उतनी ही वास्तविक होती हैं जितनी की शारीरिक बीमारियॉं और बहुत सी ऐसी बीमारियों में इलाज से फायदा हो सकता है। यह आम धारणा है कि मनोचिकित्सा में रोगीयो को पागल खाने में बंद कर देना, बिजली का झटका देना और नींद में रखना ही शामिल हैं। वास्तव में ऐसा नहीं है।

ग्रामीण समुदाय में जहॉं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत अधिक अभाव है और लोग जादू टोने आदि का सहारा लेते हैं। मानसिक रो्गीयो को भूतप्रेत की बाधा या देवी प्रकोप माना जाता है अत मंदिर या पीर की मजार पर प्रार्थना या अन्य पीडा दायक तरीको से इलाज किया जाता है ।

astrology-future
ज्योतिष और भविष्य में मानसिक बाधा का
कोई इलाज नही, खाली समय गमाना है|

पीडित व्यक्ति ठीक इलाज नही मिलने के और अधिक हिसांत्मक या अस्वाभिेक रूप से शांत व्यवहार करता है। सही इलाज से ही उसे ठीक किया जा सकता है।लगभग हर समुदाय के एक प्रतिशत लोग किसी न किसी गंभीर मनोविकार से ग्रस्त होते हैं। इसलिए 500 की आबादी वाले गॉंव में 4 से 5 लोग मनोरोग के शिकार होंगे। इसके अलावा किसी भी समुदाय में करीब 10 प्रतिशत लोग किसी न किसी साधारण मानसिक रोग या असामान्य व्यवहार से व्यक्तित्व में गड़बड़ी के शिकार होते हैं। इनमें से बहुत लोगों को किसी न किसी मनोचिकित्सक की सहायता की ज़रूरत होती है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के रूप में हम ऐसी समस्याओं को जल्दी ही पहचान सकते हैं और उन्हें मनोचिकित्सक सहायता दिला सकते हैं।

मानसिक अस्वास्थ्य के कारण

मानसिक अस्वास्थ्य जन्मजात और बहुत से बाहरी कारणों से ग्रासीत होने (एक्याक्यार्ड) पर निर्भर करता है। जन्म के बाद के पहले साल में ही मस्तिष्क के आकार की वृद्धि पूरी हो जाती है। परन्तु मानसिक रूप से परिपक्व होने की प्रक्रिया वयस्क होने के शुरुआती समय तक चलती रहती है। दिमाग और बुद्धि पर जो कारक असर डालते हैं उनके बारे में नीचे दिया गया है।

शारीरिक कारण

कुपोषण और अन्य शारीरिक कारणों से भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। मस्तिष्क आवरण शोथ (मैनेन्जाइटिस) से लंबे समय से ग्रसीत रोगी के लिए दिमाग की क्रिया पर असर पड़ सकता है। आतशक (सिफलिस ) की तीसरी अवस्था भी एक ऐसा ही और उदाहरण है।

नशीले पदार्थ

शराब पीने, भांग या ब्राउन शुगर आदि के सेवन से भी मानसिक बीमारियॉं हो जाती हैं।

परिवारिक कारण

Family disciplineसामान्य बौध्दिक व मानसिक परिपक्वता के लिए माता पिता का प्यार और देखभाल बहुत ही ज़रूरी है। । बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, उन्हें मारना पीटना, बहुत अधिक अनुशासन या अनुशासन का पूर्ण अभाव, मॉं बाप में न बनना, घर में हिंसा आदि सब बच्चे के दिमाग पर असर डालते हैं। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक प्यार भरे और स्वस्थ माहौल की बेहद ज़रूरत होती है। अपराध, बुरी आदतें और व्यक्तित्व की समस्याएं अक्सर ही घरेलू समस्याओं के कारण होती हैं।

सामाजिक कारण

पूर्ण सामाजिक असमानता, मौकों का अभाव, असुरक्षा और यहॉं तक कि बहुत अधिक पैसा होने से भी व्यवहार में परेशानियॉं हो सकती हैं।

अनुवांशिकी

कुछ एक मानसिक असामान्यता या गड़बड़ियॉं अनुवांशिक होती हैं। खास करके गंभीर बीमारियॉं जैसे कुछ हद तक अनुवंशिक होती है। परन्तु सभी मानसिक बीमारियॉं पीढ़ी दर पीढ़ी आगे नहीं पहुँचती हैं। इसी तरह से सभी भाई बहनों में एक सी मानसिक गड़बड़ियॉं और असामान्यताएं नहीं होती हैं।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

message-icon shyamashtekar@yahoo.com     ashtekar.shyam@gmail.com     bharatswasthya@gmail.com

© 2009 Bharat Swasthya | All Rights Reserved.