प्रसव के समय कई सारी चीज़ें जल्दी जल्दी हो रही होती हैं। नीचे दी हुई जानकारी उपयोगी साबित हो सकती है|
प्रसव में छोटा कद हो तो श्रोणी भी छोटी होना संभव है जिससे प्रसव मुश्किल होता है |
1. पता करें कि महिला प्रसव पूर्व जांच करवाती रही है या नहीं। क्या इन जांचों से कोई उपयोगी जानकारी मिली है? किसी तरह का कोई खतरा तो नहीं है?
2. गर्भावस्था के दौरान कोई तकलीफ तो नहीं हुई थी या कोई बीमारी तो नहीं है। जैसे कि रक्त स्त्राव, दौरे, पेरों में सूजन, बार बार सिर में दर्द होना, दमा, दिल की बीमारी, डायबटीज़, गुर्दे की बीमारी, गर्भाशय भ्रंश, या और कोई संबंधित बीमारी।
3. क्या पिछला प्रसव सामान्य हुआ था? गर्भपात, मरे हुए बच्चे का जन्म, रक्त स्त्राव, अवरुध्द प्रसव, गर्भस्थ शिशु की हरकत बंद हो जाना, आपरेशन से प्रसव, फोरसेप प्रसव, दौरे, नाड़ अंदर रह जाने या प्रसव के दौरान और कुछ भी असामान्य स्थिति तो नहीं हुई थी।
4. जांच करें
पहले प्रसव के समय शिशु का सिर श्रोणी में न घुस पाना मुश्किल प्रसव का सूचक होता है| |
क) माँ की लंबाई की (अगर अब तक न नापी गई हो)। क्या यह 145 सेंटी मीटर से कम है? कम लंबाई वाली महिलाओं को अस्पताल की सुविधाओं ज़रूरत हो सकती है।
ख) क्या बच्चे का सिर नीचे है या ऊपर की ओर है या फिर अनुप्रस्थ है? अगर सिर ऊपर की ओर हो या अनुप्रस्थ हो तो ऐसे में प्रसव में समस्या आती है। इसके लिए विशेषज्ञ की मदद और कभी आपरेशन की ज़रूरत भी पड़ती है।
ग) अगर यह पहला प्रसव है तो शिशु का सिर आस्थिर है कि नहीं? प्रथम प्रसवा महिलाओं में शिशु के सिर के आस्थिर न होने की स्थिति में माँ को अस्पताल पहुँचाना ज़रूरी होता है। ऐसा प्रसव स्वास्थ्य उपकेंद्रमें बिलकुल न करे।
घ) क्या तापमान, रक्तचाप, नाड़ी की गति आदि सामान्य हैं?
शिशु के दिल की धडकन जॉंचना भी जरुरी है| कम या तेज धडकन खतरा कहलाता है |
च) क्या माँ को असामान्य रक्त स्त्राव हुआ है, पेट में दबाने से दर्द होता है, पेट पर संकीर्णक घेरे हैं या कोई भी और असामान्य स्थिति है?
छ) क्या प्रसव दर्द नियमित और अच्छे हैं? कमज़ोर और कम रुक रुक कर होने वाले दर्द से प्रसव सामान्य नहीं हो पाता। ऐसे में महिला को अस्पताल भेजें। प्रोस्टाग्लेनडिन की गोली से इस समस्या से निपटा जा सकता है।
ज) क्या प्रसव नली में शिशु का कोई भाग जैसे पैर, हाथ, चेहरा या नाभिनाल देखा या महसूस किया जा रहा है? अगर ऐसा है तो इसका अर्थ भी यही है कि प्रसव के लिए शल्य चिकित्सक की ज़रूरत है।
झ) क्या बच्चा हरे रंग का पाखाना कर रहा है (जातविष्ठा)? जांच करें कि प्रसव नली में हरे रंग का आस्त्राव तो नहीं है। क्या शिशु के दिल की धड़कर 120 से कम या 160 से ज्यादा तो नहीं है? कोई भी और ऐसा लक्षण जिससे लगे कि शिशु किसी किसम की परेशानी में है। ऐसे में भी माँ को तुरंत अस्पताल पहुँचाएं।
प) क्या माँ को प्रसव के किसी चरण में ज़रूरत से ज्यादा समय लग रहा है? बहुत ज्यादा देरी होना बच्चे और माँ दोनों के लिए ही खतरनाक है।
फ) क्या और कोई जटिलता है जैसे कि पैरों का पोलियो ग्रस्त होना, पेट पर आपरेशन का निशान या कुछ भी और जिससे परेशानी हो सकती है?
स्वास्थ्य उपकेंद्र में प्रसव करवाने से पूर्व आपको यह पक्का कर लेना चाहिए कि इसमें किसी किसम का खतरा नहीं है। यह तय करने से पहले आपको ऊपर दी गई सभी बातों पर ध्यान दे देना चाहिए। वैसे हर एक प्रसव अस्पताल में होना जरुरी है।
इसमें तीन चीजें होती हैं।