tantrika tantra मस्तिष्क/तंत्रिका तंत्र मानसिक स्वास्थ्य
तंत्रिका तंत्र-रोगो के निदान

पिछले दशक में तंत्रिका तंत्र में होने वाले रोगो के निदान के तरीकों में बहुत ज्यादा तरक्की हुई है। शरीर की जाँच और प्रमस्तिष्क द्रव (सी एस एफ) की जाँच अभी-भी महत्वपूर्ण है परन्तु सीटी स्केन और एमआरआई से एक्सरे बहुत सारे रोगो की विक़ति औरकैंसर की पहचान करने का मौका मिला है।

दुर्धटना के कारण सिर की चोट और रसौली मस्तिष्क से जुड़ी गम्भीर समस्याएँ हैं। परन्तु ज्यादा आम समस्याएँ हैं – मैनेनजाईटिस और ऐनसेफेलाईटिस। मेरुदण्ड की समस्याओं में रीढ़ की समस्याओं से तंत्रिकाओं की जड़ों पर दबाव पड़ने से होने वाली समस्याएँ बहुत आम होती जा रही हैं। अपने स्थान से हटी हुई कशेरुकाओं के बीच स्थित तश्तरी द्वारा मेरुदण्ड पर दबाव डालना (पड़ना) भी एक आम समस्या है। परिसरीय तंत्रिकाओं की बीमारियों से शराबी यानि अल्कोहोलिक न्यूराईटिस, कोढ़ और पोलियो सबसे आम हैं। ये बीमारियाँ हालाँकि बहुत आम नहीं है परन्तु एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को इनके बारे में पता होना ज़रूरी है।

सरदर्द

brain-internal-wiring मेरुदण्ड रीढ़ की हड्डी के भीतर सुरक्षित रहता है। रीढ़ की हड्डी में बायें और दायें दोनों ओर खुला छिद्र होते हैं जिनसे तंत्रिकाओं को मेरूदण्ड तक का रास्ता मिलता है। तंत्रीकाएं फिर शरीर में जैसे जैसे फैलती है वैसे वैसे शाखित होती जाती है। रीढ़ की हड्डी में मेरुदण्ड या मेरुरज्जू होता है।इसीसे सारी तंत्रिकाऍ जुडी रहती है। तंत्रिकाऍ अंदर से बाहर और बाहर से अन्दर आती है।यह उस अधिक यातायात वाले दोतर्फा मुख्य मार्ग की तरह होता है। इस मुख्य मार्ग के आसपास के गाँवों को भी इसी मुख्य मार्ग का इस्तेमाल करना होता है। इसके लिए इनके पास मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़कें होती हैं – जैसे कि मेरुदण्ड की जड़ें। सड़क पर चल रहे वाहनों जैसे हर सेकण्ड खूब सारे संकेत मेरुदण्ड के नीचे-ऊपर जाते हैं। यह तंत्र हमारे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक टेलीफोन एक्सचेंज से ज्यादा सक्षम है। संकेतों की प्रकृति इलेक्ट्रॉनिक ही है और हम इस इलेक्ट्रॉनिक यातायात की गति भी नाप सकते हैं।

सामान्य सरदर्द
मस्तिष्क या शरीर के अन्य संस्थानोंमें सरदर्द का कारण ना हो तो सरदर्द सामान्य समझना चाहिये| इसके भी तीन प्रकार है|

तनाव सरदर्द
यह सरदर्द मानसिक तनाव से, अतिश्रम, निराशा, गरमी या मौसम के बदलाव से होता है| सिर के मांस पेशीयोंमें तनाव होना यही इसमें मुख्य बिंदू है|
अधसिसी
अधसिसी का सरदर्द बार बार निकलता है| अक्सर यह किशोरावस्था में शुरू होता है| आम तौरपर यह सरदर्द सिर के एकही तरङ्ग होता है| अक्सर इसके पहले उल्टियॉं होती है|
आवर्ती सरदर्द
यह प्रकार बार बार उभरनेवाला सरदर्द का है| संभवत: १-२ घंटेके बाद सरदर्द चला जाता है| लेकिन कुछ दिनोंके बाद सरदर्द वापस लौटता है|
अन्य संस्थानोंसे संबंधित सरदर्द

  • बुखारवाले बिमारियोंमें सरदर्द होना आम बात है, जैसे की फ्ल्यू, मलेरिया, डेंग्यू, टायफाईड आदि|
  • मस्तिष्कमें संक्रमण, गांठ या सूजनसे भी सरदर्द होता है|
  • दृष्टीदोष, कम या जादा रक्तचाप, रक्तशर्करा कम होना अम्लता, माहवारीपूर्व तनाव, सायनस सूजन, हवा का दबाव कम या जादा होना, उष्माघात आदि कारणोंसेभी सरदर्द होता है|
  • कुछ दवाओंके दुष्प्रभावसे सरदर्द होता है| शराब भी सरदर्द का एक कारण हो सकता है|

प्राथमिक इलाज

  • पहले सरदर्द का कारण जानना जरुरी है| सामान्य सरदर्द के लिये पॅरासिटामॉल या अन्य दर्दशामक गोली पर्याप्त होती है|
  • आयुर्वेद के अनुसार त्रिभुवनकिर्ती उपयोगी है|
  • होमिओपथीमें सरदर्द के लिये सही दवा चयन आवश्यक है| एक बार सुनिश्चित की हुई दवा समय समय पर प्रयोग कर सकते है|
  • मर्मबिंदू दबाव याने ऍक्युप्रेशर का भी प्रयोग उपयोगी है| शिरोभाग में मुख्य बिंदू याने ब्रह्मबिंदू पर अपनी उंगलीसे एक मिनिटतक दबाए| इसके साथ रोगी को लंबी सांस लेकर शांतिसे छोडेनेकोे कहिये| इस प्रयोगसे धीरे धीरे सरदर्द कम होता है|
  • कभी कभी सरदर्द केवल विश्राम, शिथिलीकरण या अच्छी नींदसे ठीक होता है|
डॉक्टरी इलाज

सरदर्द जादा या हमेशा होता हो तब डॉक्टरसे जॉंच करनी चाहिये| सरदर्द अन्य शरीर संस्थानोंके कारण होनेकी आशंका पर डॉक्टरसे मिलना चाहिये| सरदर्द के लिये रक्तचाप नापना आवश्यक है| कभी कभी अन्य टेस्ट भी जरुरी हो सकते है जैसे की खून की जॉंच, सीटी स्कॅन या एम.आर.आय.

योगशास्त्र का उपयोग

यौगिक शुद्धिक्रिया जैसे जलनेती, प्राणायाम, वमन आदिसे चिरकालीन सरदर्द ठीक हो सकते है| शवासन शिथिलीकरणके लिये महत्त्वपूर्ण है| इसके सही तकनिक योग शिक्षक के द्वारा सीखना चाहिये|

विशेष सुझाव

सरदर्द के लक्षणो में लगभग 90 प्रतिशत रोगीयो घटनाओं में सरदर्द सामान्य होता है| जो नीद या आराम करने से ठीक हो जाता है यानी आराम करने का संकेत है। दर्द निवारक गोली का सेवन चिकित्सक की सलाह से करना चाहिये। या सिर को मालिश करने से स्थानिय स्तर रक्तपरिसंचरण बढने से तनाव व सरदर्द में आराम मिलता है| अपचन के कारण होनेवाला सरदर्द, उल्टी होनेपर ठीक हो जाता है|

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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