पति और पत्नी के बीच यौन सम्बन्ध सामाजिक रूप से स्वीकार्य है। पर कुछ लोग शादी से पहले भी यौन सम्बन्ध बनाते हैं और शादी के बाद भी। महिलाओं और पुरुषों के बीच यौन सम्बन्धों को विषमलिंगी कामुकता कहते हैं।
कभी-कभी दो पुरुषों के बीच भी यौन सम्बन्ध हो सकते हैं जैसे कि चूमना, आलिंगन या गुदा सम्भोग। ये लोग अपने आपको गे कहते हैं।
ज्यादातर जोड़े पुरुष के ऊपर होने की स्थिति में सम्भोग करते हैं। स्त्री के ऊपर होने की मुद्रा और एक-दूसरे के बाजू में होने की स्थितियाँ कम हैं। और आमतौर पर ये मुद्राएँ खास स्थितियों जैसे गर्भावस्था, महिला या पुरुष में कोई विकलांगता होने पर या बदलाव के लिए इस्तेमाल होती हैं। इसके अलावा और भी मुद्राएँ इस्तेमाल होती हैं जो कि घरेलू जानवरों जैसे कुत्तों और मवेशियों में देखी जाती हैं। इन्हें पीछे से घुसने वाली मुद्राएँ कहते हैं। जनन अंग से जनन अंग द्वारा यौन सम्बन्ध के अलावा बहुत से जोड़े मौखिक यौन सम्बन्ध भी बनाते हैं। प्रजनन के लिए इसका कोई उपयोग नहीं होता।
गर्भनिरोधकों के आने से पहले, यौन सम्बन्ध गर्भधारण के डर द्वारा नियंत्रित रहते थे। अण्डोत्सर्ग की अवधि (जिसे जन्म नियंत्रण की भाषा में असुरक्षित अवधि कहा जाता है) में यौन सम्बन्ध बनाने से बचा जाता था। एक बहुत ही कड़ा नियम यह था कि यौन सम्बन्ध केवल प्रजनन के लिए ही होते हैं। आज असरकारी गर्भनिरोधकों के उपलब्ध होने के कारण यह सब बदल गया है। अब आनन्द के लिए यौन सम्बन्ध।
क्या यौन सम्बन्ध में महिलाएँ उदासीन रहती हैं? यौन क्रिया में महिलाओं की अपनी इच्छाएँ और पसन्द होती हैं। महिलाओं में कामोन्माद में अच्छा लगने का अहसास, योनि और गर्भाशय में संकुचन की लहरें महसूस होना शामिल होता है। पुरुष अक्सर महिलाओं की यौन इच्छाओं और ज़रूरतों पर ध्यान नहीं देते। महिलाओं की चुप्पी अक्सर सामाजिक और सांस्कृतिक कारणों से होती है।
सम्भोग के समय कई शारीरिक समस्याएँ हो सकती हैं। इन समस्याओं को सुलझाना और इनके लिए लोगों को सलाह और मदद देना आसान है।