कई पुरुषों को असामान्य यौन सम्बन्ध पसन्द होते हैं। मलद्वार सम्भोग इनमें से एक है। हालाँकि इससे वीर्य स्खलित हो जाता है पर इसमें महिला को बिलकुल अच्छा नहीं लगता। क्योंकि इसमें भगशिश्न उत्तेजित नहीं होता। ऐसी समस्याओं के लिए विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए।
बहुत से पुरुषों और कुछ एक महिलाओं को अपनी पत्नी/पति को दर्द पहुँचाने में मज़ा आता है। सिगरेट से जलाना, चूँटियाँ काटना, थप्पड़ लगाना या मारना इसमें शामिल हो सकते हैं। अगर स्वास्थ्य कार्यकर्ता को इसकी जानकारी है तो उसे जोड़े/ दम्पति से बातचीत करनी चाहिए।
बहुत से पुरुष वैश्याओं (यौन कामगारों) के साथ भी यौन सम्बन्ध रखते हैं। शादी और यौन सम्बन्ध आपसी रज़ामन्दी और इज्ज़त पर टिके होने चाहिए। यौनकामगार, शहरों, कस्बों और यहाँ तक की कुछ गाँवों में आसानी से मिल जाती हैं। कई पुरुष शादी से पहले और यहाँ तक की विद्यार्थी जीवन में भी इनके पास जाते हैं। कुछ पुरुष शादी के कुछ सालों बाद यह शुरू करते हैं। पत्नी को पसन्द न करना, उकता जाना या बार-बार लम्बे समय के लिए घर से बाहर रहना (जैसे कि ट्रक के ड्राइवरों को करना पड़ता है) इसके कारण हो सकते हैं। कुछ पुरुष चाहे सही कह सकते हैं पर इससे महिला को कई तरह की परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं। अक्सर इसके साथ अन्य बुराइयाँ भी शुरू हो जाती हैं। जैसे नशा, पत्नी के साथ मारपीट, यौन रोग, सामान्य यौनआनन्द से वंचित करना, बहुत अधिक काम करना और अकेलापन। यह एक सामाजिक समस्या है और इसकी जड़ें समाज में पुरुषों के प्रभुत्व में हैं। हमारे समाज में महिलाओं को पुरुषो की तरह यौनिक स्वतंत्रता हासिल करने का हक अभी भी नहीं है।
कामोतेजक यौन स्वास्थ्य (यौनिकता) एक बहुत ही भावनात्मक विषय है। यौनिक मामलों में कमज़ोरी या असन्तुष्टि के अहसास से काफी मानसिक तकलीफ पहुँचती है। क्योंकि इसके लिए विशेषज्ञडाक्टर , सही सलाह और चिकित्सालय सभी जगह नहीं हैं, लोगो में कमजोरी, और झिझक के कारण चोरी से खानदानी वैद, इलाज कराते हैा इस तरह के उल्टे सीधे क्लीनिक और दवाइयाँ जगह जगह खूब फैली हुई हैं। एक बार मुझे एक दोस्त ने बताया कि उसने छ: महीनों में 50 हज़ार रुपये की यौन इलाज की दवाई ले लीं जिससे कोई भी फायदा नहीं हुआ। (उसने मुझे यह हमारे पहाड़ पर चढ़ने वाले क्लब में शामिल होने के बाद बताया जिससे वो पूरी तरह ठीक हो गया)। बहुत से वैद्य अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं में खुले आम अपने विज्ञापन निकालते हैं। लोग इन क्लीनिकों में जाते हैं, अपना पैसा बर्बाद करते हैं और इनसे कोई फायदा न होने और ठगे जाने के बारे में चुप्पी साधे रहते हैं। यह भी बड़ा अजीब है कि सभी यौन टॉनिक बहुत ही महँगे होते हैं। इन तथाकथित डाक्टरों के पास कोई भी प्रशिक्षण नहीं होता। ये तुक्के और लोगों के मनोविज्ञान के अनुसार काम करते हैं।
समस्या को समझना और लोगों को विशेषज्ञों के पास भेजना मुश्किल नहीं है। आज यौन समस्याओं का पता लगाने के लिए टैस्ट भी उपलब्ध हैं। ज्यादातर दम्पत्ति को सही जानकारी और भरोसा दिलाए जाने की ज़रूरत होती है। कुछ अन्य में दवाईयो की भी ज़रूरत होती है। अगर वो हिम्मत करके अपनी समस्या के बारे में बात करते हैं तो यह हमारा फर्ज बनता है कि हम गोपनीयता को बनाये रखकर उनकी सहायता करें।