disease science लक्षणों से बीमारियों तक रोग विज्ञान
निदान के लिए खास जाँच
microbiology laboratory
जॉंच के लिये छोटी लॅब

ज़्यादातर बीमारियों का निदान चिकित्सीय जॉंच से ही हो सकता है। परन्तु कुछ बीमारियों के सही निदान के लिए खास तरह के टैस्ट करने की ज़रूरत होती है। कुछ खास टैस्ट से यह भी तय हो पाता है कि इलाज की सही दिशा क्या हो। खून या पेशाब की जॉंच अक्सर की जाती है। पर इसका ये मतलब नहीं है कि इन्हें सरासर किया जाना चाहिए। कोई भी टेस्ट तभी किया जाना चाहिए अगर वा बिल्कुल ज़रूरी हो। आजकल हम देखते हैं कि हर बीमारी के लिए बहुत अधिक टैस्ट किए जाते हैं। कुछ सालों पहले तक जो टैस्ट खास माने जाते थे जो अब सामान्य के टैस्ट बन गए हैं। ऐसा एक तो इसलिए है क्योंकि डॉक्टर नहीं चाहते कि उनको बीमारी का पता न चल पाए? परन्तु ऐसा इसलिए भी है कि चिकित्सा सेवा बहुत हद तक व्यावसायिक हो गयी है। हालॉंकि ज़्यादातर खासे टैस्ट के लिए खास उपकरण चाहिए होते हैं। परन्तु कुछ उपयोगी टैस्ट गॉंव के स्तर पर भी किए जा सकते हैं।इस अध्याय में चिकित्सा में प्रयोग किए जानेवाली कुछ जॉँच-तकनीकी का कुछ वर्णन दिया है।

खून की जाँच
blood-testing
मलेरिया के लिये खून की शीघ्र जॉंच|
यह जॉंच कही भी कर सकते है|

कई सारी बीमारियों से खून में कुछ बदलाव आते है। इसलिए खून की जॉंच की ज़रूरत अक्सर पड़ती रहती है। खून की जॉंच आमतौर पर हीमोग्लोबीन, लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं, खून में कैंसर की कोशिकाओं, एन्ज़ाइम, प्रोटीन, प्रतिपिण्डों, रोगाणुओं की मात्रा, लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं के अवसादन की दर, या इसकी रासायनिक संरचना की जॉंच जैसे खून में शक्कर, युरिया की जॉंच, खून के निकलने या जमने में लगने वाले समय, खून में उपस्थित गैसों की मात्रा और खून के वर्ग की जॉंच के लिए की जाती है।
खून की अक्सर में की जाने वाली जॉंच हैं हीमोग्लोबीन और लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा की जॉंच। उंगली में से एक बूँद खून आमतौर पर इसके लिए काफी होता है। अगर ज़्यादा खून की ज़रूरत हो तो ये शिरा में से लिया जाता है। हर तरह के टैस्ट के लिए अलग अलग तरह की बोतलों की ज़रूरत पड़ती है। कुछ टैस्ट के लिए सिर्फ सीरम की ज़रूरत होती है और कुछ के लिए पूरे खून की। टैस्ट के लिए उपकरण भी अलग-अलग होते हैं।

पेशाब की जाँच
check urine tabs
पेशाब के जॉंच के लिये पट्टीयों की डीब्बी

पेशाब की जॉंच शक्कर की मात्रा के लिए (गर्भावस्था और मधुमेह में), प्रोटीन के लिए (गुर्दे की बीमारियों में), खून की उपस्थिति के लिए (मूत्रमार्ग में पथरी या रसौली में), पीप कोशिकाओं के लिए (किसी संक्रमण में), और बिलीरूबिन के लिए (पीलिया में) की जाती है। पेशाब में शक्कर और प्रोटीन की जॉंच गर्भावस्था में, कई बीमारियों में और ऑपरेशन करने से पहले की जानी ज़रूरी होती है। आप रसायनों या जॉंच पटि्टयों द्वारा ये जॉंच करना सीख सकते हैं।

पेशाब में शक्कर

शक्कर की जॉंच के लिए 5 मिलीलीटर बैनेडिक्ट रसायन को एक परखनली में उबालें। इसके बाद इसमें पेशाब के नमूने की कुछ बूँदें डाल दें। अगर पेशाब में शक्कर है तो इसकी मात्रा के अनुसार इसका रंग नीले से हरे और फिर भूरा, लाल और आखिर में काला हो जाएगा। जितनी ज़्यादा शक्कर होगी रंग भी उतना ही गहरा होगा। अरग रंग नीला ही रहता है तो इसका अर्थ है कि पैशाब में शक्कर नहीं है। लेकिन आजकल इस टेस्ट के बजाय डिपस्टिक याने रासायनिक आलेप की पट्टीयॉं ही इस्तेमाल होती है, जो आसान भी है और सस्ती भी।

पेशाब में प्रोटीन

एक कॉंच की परखनली में 2-3 मिलीलीटर पेशाब डाल कर गर्म करें और इसमें 1 प्रतिशत ऐसिटिक ऐसिड की एक बूँद डालें। अगर इसमें प्रोटीन होगा तो पेशाब गंदली हो जाएगी। इसके लिये भी डिपस्टिक पट्टीयॉं इस्तेमाल होती है।

बिलीरूबिन टैस्ट

इसके लिये एक घरेलू जॉंच है। एक कॉंच की परखनली में 1-2 मिलीलीटर पेशाब ले कर हिलाएँ। पेशाब में पीले रंग का झाग आने का मतलब है कि इसमें बिलीरूबिन है। अगर रंगहीन झाग आए जो कि जल्दी से गायब भी हो जाए तो इसका मतलब है कि पेशाब में बिलीरूबीन नहीं है। इसके लिये रासायनिक टेस्ट है, जिसमें बेरियम क्लोराईड और फॉचेट रिएजंट प्रयोग होता है। इसके लिये रासायनिक टेस्ट है, जिसमें बेरियम क्लोराईड और फॉचेट रिएजंट प्रयोग होता है।

डिपस्टिक टैस्ट

ये कागज़ की पटि्टयॉं होती हैं जिनके एक सिरे पर रसायन लगे होते हैं। डिपस्टिक हवाबन्द बोतलों में पचास या सौ के पैक में मिलती हैं। बोतल को कस कर बन्द रखें ताकि पटि्टयॉं अपनी जॉंच क्षमता न खो दें। एक टैस्ट के लिए केवल एक ही पट्टी का इस्तेमाल करें। आप कैंची से एक पट्टी को काट कर उसकी दो या तीन पटि्टयॉं बना सकते हैं। पट्टी को पेशाब के नमूने में कुछ सैकडों के लिए भिगो कर रखें। अगर उसमें कुछ भी बदलाव न आए तो इसका अर्थ है कि पेशाब में शक्कर या प्रोटीन नहीं है। पर अगर इसके रंग में अन्तर आ जाए तो पैक के ऊपर दिए गए रंगों के स्केल से इसका मिलान कीजिए।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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