प्रसव में मदद करने के लिए बहुत से अनुभव और कुछ बुनियादी कौशलों की ज़रूरत होती है। सारे समय ज़रूरी सामान तैयार रखें। कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। किसी दाई की मदद करते समय ये बुनियादी कौशलों को सीख लें।
बैठकर प्रसव ज्यादा आसान होता है |
बच्चे का जन्म लेटने के बजाए बैठने से ज्यादा असानी से होता है। अस्पतालों में माँओं को पीठ के बल लेटने को कहा जाता है। घर में बच्चे जन रही महिलाएं आमतौर पर बैठ कर बच्चे को जन्म देती हैं। डॉक्टरों और नर्सों को भी इस अवस्था में प्रसव करवाना सीखना चाहिए। इस अवस्था में प्रसव करवाते हुए दो बातों का ध्यान रखना चाहिए:
जब बच्चे का सिर बाहर आ रहा हो तो ध्यान रखें कि यह मेज़ या ज़मीन से न टकराए। भग और मलद्वार के बीच के स्थान को सहारा देते रहें। ताकि जनन द्वार फटे नहीं। मदद करने वाले के लिए बैठी अवस्था में यह कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। देश के कुछ भागों में माँ छत से लटक रही एक रस्सी को कस कर पकड़े रहती है। इससे शरीर को सहारा मिलता है। यह एक उपयोगी तकनीक है।
प्रसव के पूर्व एनिमा देने से प्रसव साफ सुथरा होता है| |
पहले चरण के समाप्त होने पर माँ की गर्भाशयग्रीवा की जांच करें। अगर अभी भी आपको उंगली से घेरा महसूस होता है तो इसका अर्थ है कि अभी गर्भाशयग्रीवा पूरी तरह से नहीं खुली है। पर यह जांच बहुत ज्यादा नहीं करें। इससे माँ को तकलीफ होती है।