मलेरिया का उपचार
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मलेरिया बुखार सर्वेक्षण लिए स्वास्थ्यकर्मी
घर घर जाकर इसका सर्वेक्षण करते है
  • मलेरिया के शीघ्र निदान और उपचार के लक्ष्य है।
  • पूर्ण इलाज
  • गंभीर मलेरिया बनने से रोकना
  • एक से दुसरे को मलेरिया का फैलाव रोकना
  • परजीवी में दवा प्रतिरोधी शक्ती बढने से रोकना
  • हर मरीज जिसके खून जॉंच में मलेरिया निकला हो उसका उपचार करे|
  • पी वैवेक्स मलेरिया – क्लोरोक्विन की गोली दे (खुराक के लिए अध्याय —-देखे)| साथ में १४ दिनतक प्रिमाक्विन भी दे| अगर किसी को प्रिमाक्विन खाने के दौरान पीलिया, उल्टी या पेट दर्द हो तो तुरंत दवा रोक कर डॉक्टर के पास भेजे|
  • ए.सी.टी यह आर्टेसुनेट के साथ एस.पी. से फैल्सिपेरम मलेरिया का इलाज का विधी है|
  • अगर कोई मरीज सूचित जगह से हाल में लौटा हो और उसे मलेरिया बुखार साबित हुआ, तब उसे ए.सी.टी. दे|
  • अगर किसी मरीज को ३ दिन क्लोरोक्विन देने के बाद भी लक्षण कम नही हुए हो तो उसे ए.सी.टी. दे|
  • गर्भवती महिला को प्रथम तिमाही में ए.सी.टी देकर क्विनीन दे|
  • अगर किसी को वैवेक्स और फैल्सीपेरम दोनो का संक्रमण हो तो फैल्सीपेरम जैसे मानकर इलाज करे
  • अगर किसी वजह किट से मलेरिया नहीं निकला और खून जॉंच नही हो पाता है, मगर लक्षण से मलेरिया लग रहा है, तब मरीज को तीन दिन की क्लोरोक्विन की पुरी खुराक दे, जब तक खून के पट्टी की रिपोर्ट ना मिले|
  • पहला दिन उम्र अनुसार प्रैमाक्विन की गोली भी दे (सिर्फ एक दिन)| गंभीर मलेरिया से लक्षण हो तो तुरंत अस्पताल भेजे| इस मरीज को नस में दवाओं की जरुरत पडेगी|
गर्भवती महिला में मलेरिया का उपचार

सूचित जिलों मेंफैल्सीपेरम मलेरिया हो तो क्विनीन देना बेहतर है| अन्य जगह क्लोरोक्वीन की गोली का पुरा खुराक दे गर्भावस्था (और १ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को) में प्रैमाक्विन दे| व्हायव्हॅक्स प्रजातिके मलेरिया के लिये सबको तीन दिन ईलाज किये जाते है।

क्लोरोक्वीन गोली (१५० मिग्र. मूल) वर्ग गोली का खुराक
  पहिला दिन दूसरा दिन तिसरा दिन
१ वर्ष से छोटा बच्चा आधी आधी आधी
१-४ वर्ष आधी
५-८ वर्ष एक
९-१४ वर्ष देढ
१५ और उपर दो

 

आर्टेसुनेट और सल्फा+ पायरि (मेथामीन) दवा
    पहिला दिन दूसरा दिन तिसरा दिन
१ वर्ष से छोटा बच्चा AS (आर्टे) आधी आधी आधी
SP (सपा) चौथाई    
१-४ वर्ष AS (आर्टे) एक एक एक
SP (सपा)    
५-८ वर्ष AS (आर्टे) दो दो दो
SP (सपा) देढ    
९-१४ वर्ष AS (आर्टे)
SP (सपा)    
१५ और उपर AS (आर्टे)
SP (सपा)    

(आर्टे का डोज दिन में ३ बार सु.दो.शा. होताहै।) सल्फा + पायरि का डोज सिर्फ सुबह एक बार। आर्टेसुनेट की गोली ५० मिग्रा होती है सल्फा पायरीवाली ५००+२५ मिग्रा होती है। मलेरिया को जड़ से खतम करने के लिए संशोधित रा.म.नि.का. की योजना लागु है। इसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  • मलेरिया से होने वाली मौतों से बचाव।
  • मलेरिया के कारण होने वाली बीमारी को कम किया जाए।
  • जहॉं तक संभव हो मलेरिया का उल्मूलन किया जाए।
मलेरिया के लिए आयुर्वेद औषधियॉं

चिरैता सदियों से इस्तेमाल हो रही एक औषधी है। ये भी मलेरिया के लिए काफी उपयोगी होती है। पर अगर रोगी को फैलसीपेरम मलेरिया हो तो इसपर निर्भर करना ठीक नहीं है।

 

डॉ. शाम अष्टेकर २१, चेरी हिल सोसायटी, पाईपलाईन रोड, आनंदवल्ली, गंगापूर रोड, नाशिक ४२२ ०१३. महाराष्ट्र, भारत

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